बिहार की राजनीति में इन दिनों लालू परिवार का पारिवारिक विवाद चर्चा में है। तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार दोनों से निष्कासित किए जाने के फैसले ने RJD के अंदरुनी समीकरणों को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन इस फैसले पर अब केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का जो बयान आया है, उसने सियासी गलियारों में भूचाल ला दिया है। मांझी का साफ आरोप है कि तेज प्रताप को पार्टी से निकालना एक ‘नाटक’ है, जिसका उद्देश्य उनकी पूर्व पत्नी ऐश्वर्या राय को कोर्ट में चल रहे तलाक के मामले में संपत्ति से वंचित करना है।
मांझी के बयान की बड़ी बातें:
- तेज प्रताप और ऐश्वर्या का तलाक जल्द कोर्ट में निपटने वाला है।
- लालू परिवार दिखाना चाहता है कि तेज प्रताप के पास कुछ भी नहीं है।
- ताकि अदालत में अलिमनी या प्रॉपर्टी क्लेम से बचा जा सके।
- तेज प्रताप को निष्कासित करना महज दिखावा है।
- ऐश्वर्या को बेइज्जत करके घर से निकाला गया था, अब फिर से अन्याय हो रहा है।
जीतन राम मांझी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मांझी ने इस पारिवारिक मामले को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए लालू परिवार को घेरा है। उन्होंने कहा कि जिस परिवार ने एक महिला के साथ अन्याय किया, अब उसी से महिलाओं को न्याय की उम्मीद कैसे हो सकती है?
जहां एक ओर तेज प्रताप यादव इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चुप हैं, वहीं तेजस्वी यादव ने भी इस विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं की है। दूसरी ओर एनडीए के नेता जैसे चिराग पासवान, सम्राट चौधरी और दिलीप जायसवाल इस मुद्दे से दूरी बनाए हुए हैं। सिर्फ मांझी ही हैं जो लगातार RJD परिवार पर हमलावर हैं, जो दर्शाता है कि यह मामला सिर्फ पारिवारिक नहीं, बल्कि सियासी मोहरे की तरह इस्तेमाल हो रहा है।
आपको बता दें कि तेज प्रताप की पोस्ट के बाद ऐश्वर्या राय भी मीडिया के सामने आईं और उन्होंने कहा कि मुझे पीटा गया, अपमानित किया गया, और अब फिर से मेरे हक से वंचित करने की कोशिश की जा रही है। ऐश्वर्या ने आरोप लगाया कि तेज प्रताप के अफेयर को छिपाने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए गए। अब न्याय की उम्मीद कोर्ट से है।