बिहार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक काशी विश्वनाथ धाम से जुड़ा है, जहां तेजप्रताप ने मंदिर के प्रतिबंधित क्षेत्र में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया। घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने इसे गंभीर उल्लंघन मानते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
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तेजप्रताप यादव 13 जून को वाराणसी पहुंचे थे और उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में चुपचाप दर्शन-पूजन किया। हालांकि बाद में उन्होंने एक 52 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर दिया। वीडियो में तेजप्रताप मंदिर के गर्भगृह के सामने खड़े होकर शिखर की ओर प्रणाम करते दिखते हैं, वहीं मंदिर परिसर में पुलिस और सीआरपीएफ जवान भी नजर आ रहे हैं।
मंदिर प्रशासन ने जताई नाराजगी
काशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) विश्वभूषण मिश्र ने वीडियो को नियमों का स्पष्ट उल्लंघन करार देते हुए कहा कि मंदिर की मर्यादा और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि धाम के रेड ज़ोन में वीडियो बनाना पूरी तरह प्रतिबंधित है और इस तरह की गतिविधियों को गंभीरता से लिया जाएगा। मिश्र ने कहा, “सुरक्षा व्यवस्था के तहत मंदिर परिसर में खासकर गर्भगृह के पास किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी या वीडियोग्राफी वर्जित है। हमने संबंधित एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
धार्मिक संगठनों और सोशल मीडिया पर विरोध
वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कई यूजर्स ने इसे धार्मिक आस्था का अपमान बताया, तो वहीं कुछ समर्थकों ने इसे श्रद्धा की अभिव्यक्ति करार दिया। हालांकि कई धार्मिक संगठनों ने मंदिर की पवित्रता से खिलवाड़ बताते हुए तेजप्रताप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मंदिर परिसर में और सख्ती
घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि अब परिसर में मोबाइल फोन के उपयोग और वीडियोग्राफी को लेकर और कड़े निर्देश जारी किए जाएंगे। CEO मिश्र ने कहा, “भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय बढ़ाया जाएगा और नियमों के उल्लंघन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।”
राजनीतिक मोर्चे पर भी मुश्किल
तेजप्रताप यादव पहले भी अपने बयानों और कार्यशैली को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। हाल ही में वह अपने परिवार से दूरी और व्यक्तिगत बयानों को लेकर भी सुर्खियों में थे। अब काशी जैसे संवेदनशील धार्मिक स्थल पर नियम उल्लंघन का यह मामला उनके लिए राजनीतिक और धार्मिक दोनों ही स्तर पर असहज स्थिति पैदा कर सकता है।