पूर्व मंत्री और लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने आखिरकार साफ किया है कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में हसनपुर सीट से ही चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। इससे पहले वे महुआ सीट पर दावा कर चुके थे, जिसने पार्टी के भीतर असहजता बढ़ा दी थी। अब उनके ताज़ा बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि तेज प्रताप ने महुआ सीट पर वापसी के इरादे से कदम पीछे खींच लिए हैं, जिससे महुआ के वर्तमान विधायक मुकेश रौशन को राहत मिली होगी।
हसनपुर मेरा कर्मक्षेत्र है, यहीं रहूंगा सक्रिय – तेज प्रताप यादव
एक इंटरव्यू में तेज प्रताप ने कहा कि मैं हसनपुर से विधायक हूं। जनता के बीच जाऊंगा, जनता दरबार लगाऊंगा और लोगों की समस्याएं सुनूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें आरजेडी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे निष्क्रिय हो गए हैं। तेज प्रताप के इस रुख से साफ है कि वे खुद को ‘राजनीति से बाहर नहीं, लेकिन संगठन से दूर’ मानते हैं और हसनपुर को ही अपनी राजनीतिक जमीन बनाए रखेंगे।
तेज प्रताप यादव 2015 में महुआ से विधायक बने थे, लेकिन 2020 में उन्होंने सीट बदलकर हसनपुर से चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद महुआ से RJD ने मुकेश रौशन को टिकट दिया, जो वहां से विजयी रहे। लेकिन जब दिसंबर 2023 में तेज प्रताप ने दोबारा महुआ से चुनाव लड़ने की बात कही थी, तो राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया था। मुकेश रौशन भावुक होकर मीडिया के सामने रो पड़े थे। पार्टी के भीतर टकराव की स्थिति बन गई थी। इससे RJD नेतृत्व असहज महसूस कर रहा था।
अब जब तेज प्रताप यादव ने खुद हसनपुर पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही है, तो यह मानना गलत नहीं होगा कि उन्होंने पार्टी की नाराज़गी और राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए खुद को पीछे खींचा है।