Tej Pratap Yadav: बिहार की राजनीति में एक बार फिर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव सुर्खियों में हैं। सोमवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट और वीडियो साझा कर अपने निजी जीवन और राजनीति को लेकर बड़ा हमला बोला। इस बार उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव के भाई आकाश यादव को सीधे निशाने पर लिया और उन्हें “जयचंद” कह डाला। साथ ही उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि उनकी छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है।
तेज प्रताप यादव ने पोस्ट में लिखा कि आकाश यादव और कुछ जयचंदों ने उनकी तस्वीरें वायरल कर राजनीतिक करियर को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन उनकी राजनीति को कोई कमजोर नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यह सब उनकी लोकप्रियता से डर कर किया जा रहा है। नकली फोटो बनाकर बदनाम करने की कोशिश का जवाब वे और मजबूती से देंगे।
उन्होंने पत्रकार से बातचीत का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें कहा गया कि उनकी छवि धूमिल करने की पूरी रणनीति बनाई गई थी। तेज प्रताप ने कहा कि वे किसी दबाव में झुकने वाले नहीं हैं। जिन लोगों को लगता है कि वे पीछे हट जाएंगे, वे गलतफहमी में हैं। उन्होंने खुली चुनौती देते हुए कहा कि अब जिसे फरियाद करनी है, वह मैदान में आए और सीधे मुकाबला करे।
तेज प्रताप ने यह भी ऐलान किया कि वे अपनी टीम को मजबूत करेंगे और आने वाले दिनों में पूरे बिहार में जनसंवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि वे चुनाव भी लड़ेंगे और मजबूती से लड़ेंगे। उनके इस बयान को उनके राजनीतिक इरादों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
दिलचस्प बात यह है कि तेज प्रताप ने अपने छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को भी अप्रत्यक्ष तौर पर चेतावनी दे डाली। उन्होंने लिखा कि अभी भी समय है, अपने आसपास मौजूद “जयचंदों” से सावधान हो जाइए, वरना चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। तेज प्रताप ने यहां तक कह दिया कि लोकतंत्र बचाने का दावा करने वाले लोग वास्तव में लोकतांत्रिक मूल्यों को तोड़ रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्राओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र बचाने की यात्रा है या लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की मुहिम।
तेज प्रताप यादव ने हाल ही में नबीनगर विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के वाहन चालक और एक पत्रकार से मारपीट की घटना को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि जब लोकतंत्र की बात करने वाले लोग अपने कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के साथ ही दुर्व्यवहार करेंगे, तो आम जनता के अधिकारों की रक्षा कैसे होगी। इसे उन्होंने लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया।






















