बिहार की राजनीति में इन दिनों एक बार फिर से शब्दों के तीर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को लेकर विवादित टिप्पणी के बाद देशभर में छिड़ी बहस ने नया मोड़ ले लिया है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस बहस में हस्तक्षेप करते हुए स्पष्ट कहा है कि किसी भी सूरत में किसी की माँ, बहन या बेटी पर अपशब्द नहीं कहना चाहिए। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि “माँ तो माँ होती है। माँ शब्द जुबान पर आते ही सुकून मिलता है, चाहे इंसान हो या कोई जीव-जंतु, सबकी पैदाइश माँ से ही होती है।”
लेकिन तेजस्वी ने यहाँ रुककर संतुलन नहीं बनाया, बल्कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर तीखे सवाल दाग दिए। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि जब बीजेपी नेताओं द्वारा विपक्षी नेताओं की माताओं और महिलाओं का अपमान हुआ, तब प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध ली और कई बार दोषियों को सम्मानित भी किया। तेजस्वी ने नीतीश कुमार की “DNA टिप्पणी” से लेकर बिहार विधानसभा में उनकी मां पर हुई अभद्र टिप्पणी, बीजेपी नेता द्वारा महिला प्रवक्ता को धमकी और मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने तक के मुद्दे उठाए और सवाल किया कि तब प्रधानमंत्री ने चुप क्यों साधी थी।
तेजस्वी यादव के सुर में सुर मिलाते हुए लालू प्रसाद यादव की बेटी और तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने भी पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री आत्ममंथन करते तो उन्हें याद आता कि किस तरह राबड़ी देवी को, जो एक महिला और पूर्व मुख्यमंत्री हैं, बार-बार अपमानित किया गया। रोहिणी ने लिखा कि “माँ तो माँ होती है, चाहे आपकी हों, हमारी हों या किसी और की। दर्द सबके लिए एक जैसा होता है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि खुद लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें गालियाँ और धमकियाँ दी गईं, लेकिन प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध ली।






















