लालू यादव के छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) रविवार को पटना के हड़ताली मोड़ स्थित धोबी घाट पर पहुंचे। जहां पर प्रशासन कुछ दिनों से अतिक्रमण हटाने का काम कर रही थी। दरअसल पटना के आधुनिक बनाने के लिए ब्रिटिश शासन काल से चल रहे धोबी घाट को तोड़ दिया गया। जिससे देखने तेजस्वी यादव वहां पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। साथ ही उन्होंने धोबियों की बात सुनकर डीएम चंद्रशेखर सिंह को फोन लगा दिया और कहा कि आज शाम 5:00 बजे राजद से एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने जाएंगे और धोबियों के लिए अलग जगह का व्यवस्था करने पर चर्चा करेंगे।
धोबियों के साथ खड़े तेजस्वी
बता दें की पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने धोबी घाट के मामले के बारे में बताया कि कई पुरुषों और महिलाओं ने उनके घर जाकर उनसे मदद मांगी है। उन्होंने कहा कि सभी जानते है यह धोबी घाट लालू यादव के द्वारा बसाया गया है और राबड़ी देवी के बसाये हुए लोग यहां रहते है। इसे सरकार के सहमति के साथ ही यहां बसाया गया था । मैं मानता हूं कि पथ और पुल का निर्माण होना है लेकिन इन लोगो के लिए भी तो कोई विकल्पित जगह मिले। गरोबों को बिना नोटिस के भागना ठीक नहीं है।
उपमुख्यमंत्री पर आरोप
तेजस्वी ने कहा लालू और नीतिश में केवल यहीं फर्क है की लालू लोगों को बसाते थे और नीतीश उजाड रहे है, वह गरीबों के नेता है ही नहीं। उन्हें बस कुर्सी से चिपके रहने में दिलचस्पी है। उन्हें जनता से कोई लेना देना नहीं है। साथ ही अपने पिता के कामों को गिनवाते हुए कहा की लालू ने रैन बसेरा ,मछली मार्केट और भी बहुत कुछ बनवाया लेकिन नीतीश में यह बात कहा। वह केवल मुख्यमंत्री बन कर अपनी बाकी की जिंदगी जीना चाहते है बाकी गरीब रहे या मरे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। साथ ही उन्होंने उपमुख्यमंत्री रेनू देवी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस धोबी घाट के बगल में एक जमीन है। जहां इन लोगों के लिए व्यवस्था कि जानी थी लेकिन उसे तो उप्मुख्मंत्री के रिश्तेदारों द्वारा अवैध रूप से कब्जे में ले लिया गया है। वह सरकारी जमीन है, तो कब्ज़ा करने वालों पर कारवाई क्यों नहीं होती ?