पटना में आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक जोरदार प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बिहार सरकार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “मंगल पांडे नहीं बल्कि अमंगल पांडे हैं, इन्होंने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर ग्रहण लगा दिया है। तेजस्वी यादव ने हाल ही में मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में दलित बच्ची के साथ हुई घटना और उसके बाद इलाज में लापरवाही को लेकर राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि वे सकारात्मक राजनीति में विश्वास रखते हैं और सरकार में रहें या न रहें, वे बिहार के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा हमारे 17 महीने के कार्यकाल में मिशन बुनियाद, मिशन परिवर्तन जैसी योजनाएं लागू की गईं। हमने स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश की थी। लेकिन आज स्वास्थ्य मंत्री का काम बिहार में कम, बंगाल में सरकार को गाली देना ज़्यादा है।
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तेजस्वी यादव रेफरल नीति, मुफ्त दवाइयां और डॉक्टरों की बर्खास्तगी का किया जिक्र तेजस्वी ने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा 17 महीने में 611 दवाएं मुफ्त दी जा रही थीं। रेफरल पॉलिसी लाई गई थी ताकि गंभीर मरीजों को ही बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाए। एक ही बार में 700 लापरवाह डॉक्टरों को बर्खास्त किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पटना में इलाज के अभाव में बच्ची की जान चली गई, और इसकी ज़िम्मेदारी मौजूदा सरकार की है।
तेजस्वी ने कहा कि इस पूरे मामले में IAS डॉक्टर ठाकुर को बचाने की कोशिश की जा रही है। 31 जनवरी को रिटायर हुए ठाकुर को एक फरवरी को ही एक्सटेंशन दिया गया — वो भी नीतीश कुमार के हस्ताक्षर से। जब तक ₹5000 करोड़ की पीएमसीएच बिल्डिंग बन रही है, तब तक किसी की हिम्मत नहीं कि ठाकुर को हटाए। तेजस्वी यादव ने ठाकुर को RSS से जुड़ा व्यक्ति बताया और कहा कि “पूरे सिस्टम को रिटायर्ड और भ्रष्ट अधिकारियों के हवाले कर दिया गया है।
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा नीतीश कुमार की आंखों का पानी सूख चुका है। इस सरकार की संवेदना पूरी तरह खत्म हो चुकी है। ये सरकार सिर्फ ट्रांसफर-पोस्टिंग और ‘डीके गैंग’ चलाती है।