बिहार विधानसभा चुनाव के बीच रविवार को महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने प्रदेश के राजनीतिक माहौल में नई गर्मी पैदा कर दी। पटना से चुनावी दौरे पर निकलने से पहले तेजस्वी यादव ने मोदी-नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला और चुनावी पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए।
तेजस्वी यादव आज बिहार में 16 जनसभाओं को संबोधित करने वाले हैं, जिनमें औरंगाबाद जिले में उनकी पांच बड़ी सभाएं शामिल हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता इस बार महागठबंधन के साथ है, और इसी वजह से विरोधी खेमे में बेचैनी साफ दिख रही है।
पटना एयरपोर्ट से रवाना होने से पहले मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि “काउंटिंग सेंटरों के बाहर सीसीटीवी बंद होना और समस्तीपुर में VVPAT पर्ची मिलना बेहद गंभीर मामला है। यह लोकतंत्र पर हमला है। इलेक्शन कमीशन को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में आयोग को पूरी जानकारी दे दी है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें गड़बड़ी की आशंका है, तो तेजस्वी ने कटाक्ष भरे लहजे में कहा—“वोट बहुत मिल रहा है, करने दीजिए। जनता हमारे साथ है, कोशिश करने वाले कुछ नहीं कर पाएंगे।”
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी आरक्षण और जनहित के मुद्दों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री कट्टे की बात करते हैं, लेकिन 65% आरक्षण जो हमारा हक था, उस पर कुछ नहीं बोलते। गुजरात में क्या दिया? बिहार को क्या मिला? प्रधानमंत्री जी और उनके मंत्री शिक्षा-दवाई पर एक शब्द नहीं बोलते। उन्हें 11 साल का हिसाब देना चाहिए।”






















