नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मंगलवार को अपनी ‘बिहार अधिकार यात्रा’ के तहत इस्लामपुर के खानकाह हाई स्कूल मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने बेरोजगार युवाओं, किसानों, मजदूरों और महिलाओं के मुद्दों को केंद्र में रखते हुए कहा कि यह यात्रा सम्मान और अधिकारों की लड़ाई है। तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक बार फिर कड़े शब्दों में घेरते हुए आरोप लगाया कि अब बिहार की सत्ता उनके हाथ में नहीं है, बल्कि “दो गुजराती” दिल्ली से सरकार चला रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार वही नेता नहीं रह गए, जिन्होंने कभी नरेंद्र मोदी की थाली खींच ली थी; आज वे हालात ऐसे हो गए हैं कि उन्हें प्रधानमंत्री के चरण छूने पड़ रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि मौजूदा सरकार उनकी नीतियों और घोषणाओं की नकल कर रही है। तेजस्वी ने कहा, “जब हम बोलते हैं तभी सरकार को याद आता है। हमने 5 लाख नौकरियां दीं तो इन्हें भी नौकरी याद आई। हमने पेंशन, 200 यूनिट मुफ्त बिजली और डोमिसाइल पॉलिसी की बात की तो सरकार भी उसी लाइन पर चल पड़ी।” साथ ही उन्होंने वादा किया कि सत्ता में आने पर महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी और गैस सिलेंडर 500 रुपये में उपलब्ध कराया जाएगा।
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तेजस्वी ने भाजपा पर भी सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी शिक्षा और रोजगार देने की बात करती है, जबकि भाजपा नफरत और विभाजन की राजनीति करती है। “हम कलम देने की बात करते हैं, वे तलवार बांटने की बात करते हैं। हम जोड़ने की बात करते हैं, वे तोड़ने की।” पत्रकार की पिटाई के हालिया मामले पर भाजपा मंत्रियों पर गुंडागर्दी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया इस पर चुप है, लेकिन अगर यही घटना राजद सरकार में होती तो विपक्ष जंगलराज का शोर मचा देता।
सभा के दौरान उन्होंने बिहार में भ्रष्टाचार और शराबबंदी की विफलता पर भी निशाना साधा। जनता से सवाल करते हुए तेजस्वी ने कहा, “जरा दिल पर हाथ रखकर कहिए, थाना-ब्लॉक में बिना घूस दिए कोई काम होता है क्या?” उन्होंने आरोप लगाया कि शराबबंदी के नाम पर गरीब जेलों में बंद हैं, जबकि पुलिस और सत्ता से जुड़े लोग अवैध शराब के धंधे को बढ़ावा दे रहे हैं। अपने संबोधन के अंत में तेजस्वी ने जनता से अपील की कि वे मिलकर ऐसी सरकार बनाएं जो “पढ़ाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्रवाई” पर काम करे, ताकि बिहार की जनता को असल मायनों में न्याय और विकास मिल सके।






















