प्रतिपक्ष के नेता और राजद प्रमुख तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav statement) ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की महिला रोजगार योजना को लेकर कड़ा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि इस योजना में केंद्र की ओर से एक भी पैसा शामिल है या नहीं, और इसे महिलाओं के हित के बजाय केवल चुनावी फायदे के लिए पेश किया गया है।
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार महिलाओं को योजना के तहत एक-दो महीने के लिए आर्थिक सहायता देती है, लेकिन उसके बाद उन्हें भारी रकम वसूलने की तैयारी भी रहती है। उनका कहना था कि योजना की सतही घोषणा के पीछे राज्य सरकार और केंद्र दोनों महिलाओं के हित से दूर हैं, और इसे केवल चुनावी राजनीति के लिए पेश किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी तेजस्वी ने तीखा प्रहार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय जनता दल के शासनकाल में महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थीं। तेजस्वी ने कहा कि यह एक गलत आरोप है। उन्होंने पत्रकारों से डेटा निकालने का उदाहरण देते हुए कहा कि केवल एक महीने में 100 से ज्यादा महिलाओं के साथ बलात्कार और कई हत्याएं हुई थीं, और यह साबित करता है कि महिलाओं के हित की बात सिर्फ चुनावी बयानबाजी है। उनका कहना था कि 17 महीने में उनकी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई, लेकिन विपक्ष का आरोप निराधार है।
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तेजस्वी ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने की अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई। उन्होंने बताया कि 2005 से पहले किसी पत्रकार को मंत्री द्वारा पीटा गया और पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया, ऐसे मामलों से ही तत्कालीन शासन की असली तस्वीर सामने आती है। उन्होंने इसे “जंगलराज” का उदाहरण बताते हुए बताया कि उनका फोकस बिहार में स्थायी और पारदर्शी प्रशासन बनाने पर है।
केंद्र के नेता अमित शाह के बिहार दौरे पर तेजस्वी यादव ने टिप्पणी की कि उनका देश से कोई वास्तविक मतलब नहीं है और चुनावी मोर्चे पर ही उनकी प्राथमिकता है। तेजस्वी का स्पष्ट संदेश था कि राजद का लक्ष्य केवल बिहार के विकास और जनता की सुरक्षा पर केंद्रित है, न कि चुनावी प्रचार पर।






















