नीतीश सरकार की ओर से इस साल 3 लाख 17 हजार करोड़ का बजट पेश किया गया, जिसमें बिहार के विकास को लेकर कई घोषणाएं की गईं हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा में नीतीश कुमार सरकार द्वारा पेश किए गए बजट की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बजट 3.17 लाख करोड़ रुपये का है, लेकिन राजस्व नहीं आ रहा है। उन्होंने सरकार से पूछा कि बात इतनी तक कैसे पहुंची। उन्होंने इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया बजट भी बताया। तेजस्वी यादव ने तंज भरे लहजे में कहा कि बजट झूठ की स्याही से लिखा हुआ है। इन लोगों को सरकार बचाने की चिंता है।
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उन्होंने कहा कि 10 साल में किसी भी ब्लॉक में स्टेडियम नहीं बना। बिहार में पुल टूटने का मुद्दा उठाते हुए तेजस्वी ने कहा कि पुल-पुलिया टूटते रहते हैं। उन्होंने कहा, जमीनी सच्चाई यह है कि बिहार आधुनिक सुविधाएं तो छोड़िए अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। सरकार राजस्व सृजन कर नहीं पा रही है लेकिन बजट को बढ़ा दे रही है। उन्होंने कहा, ”हमें बिहार की चिंता है, इन लोगों को सरकार बचाने की चिंता है। यह बजट विधानसभा चुनाव से पहले का आखिरी बजट था, ये वे लोग नहीं हैं जो दोबारा सत्ता में आएंगे। तेजस्वी ने यह भी कहा कि वह माई बहन के तहत 200 यूनिट मुफ्त बिजली और महिलाओं के लिए 2,500 रुपये की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
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गौरतलब है कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सोमवार को बिहार विधानसभा में राज्य का 3.17 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट पेश करते हुए चौधरी ने कहा कि कैंसर केयर सोसायटी बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बेगुसराय में एक कैंसर अस्पताल खोलेगी, क्योंकि सबसे ज्यादा कैंसर मरीज इसी जिले से हैं। भाजपा नेता ने कहा कि बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के सिद्धांत और सीएम के ‘न्याय के साथ विकास’ के सिद्धांत पर आधारित है।
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तेजस्वी यादव ने कहा कि “बीजेपी के लोगों को बिहार से घृणा है, नफ़रत करते हैं ये। बिहार के लोगों के साथ देखिए कैसा व्यवहार है। बताएं कि गुजरात को क्या-क्या दिया और बिहार को क्यों नहीं” पलायन, बेरोजगारी और गरीबी जो सबसे ज़्यादा बिहार में है। उस पर चर्चा नहीं हुई। फ़ूड प्रोसेसिंग कैसे करेंगे। कारख़ाने कैसे लगाएंगे। IT पॉलिसी और जो हमारी सरकार में हुआ वही ज़िक्र है। नया कुछ नहीं. हमने तर्क दिया था कि 65% महिलाएं खून की कमी का शिकार हैं। उस पर कुछ नहीं कहा। 200 यूनिट बिजली फ़्री हमने कहा था करने को वो भी नहीं हुआ।
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तीन लाख सत्रह हज़ार करोड़ का बजट है, सरकार को रेवन्यू नहीं आ रहा तो तीन लाख सत्रह हज़ार करोड़ इन्फ्लेटेड है। बढ़ा चढ़ा कर कहना था तो पांच लाख करोड़ दे देते। केंद्र ने बिहार के साथ सौतेला व्यवहार किया। साक्षरता के मामले में बिहार फिसड्डी है। कहीं भी फैक्ट्री लगाने, रोज़गार की बात नहीं की गई।