बिहार की सियासत में बयानबाजी का दौर लगातार तेज होता जा रहा है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के हालिया बयान, जिसमें उन्होंने खुद को “डुप्लिकेट मुख्यमंत्री” कहा था, पर अब जेडीयू (JDU) नेताओं ने करारा पलटवार किया है। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी और जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने तेजस्वी के बयान को न केवल राजनीति का हताशा भरा प्रयास बताया बल्कि कांग्रेस और राजद के रिश्तों पर भी सवाल खड़े किए।
अशोक चौधरी ने कहा कि जब तक गठबंधन के साथी तेजस्वी को मुख्यमंत्री मानकर स्वीकार नहीं करते, तब तक इस तरह के दावे बेमानी हैं। उन्होंने तंज कसा कि राजद को हमेशा यह डर रहता है कि कहीं तेजस्वी के नाम पर उनकी जमीन और कमजोर न हो जाए। चौधरी ने कांग्रेस की हालिया सक्रियता का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह कांग्रेस अपने मुख्यमंत्रियों को बिहार बुला रही है, उससे साफ है कि वह प्रदेश में अपनी राजनीतिक पकड़ फिर से मजबूत करने की कोशिश में है। उन्होंने जोड़ा कि अगर कांग्रेस अपनी पकड़ बढ़ाती है तो यह बात राजद को कभी रास नहीं आएगी।
वहीं जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन प्रसाद ने और तीखा हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी यादव बार-बार खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताते हैं लेकिन मजेदार बात यह है कि ऐसा ऐलान खुद राहुल गांधी तक नहीं करते। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस आज तक तेजस्वी पर भरोसा करने को तैयार नहीं है क्योंकि उसे पता है कि बिहार में उसकी कमजोरी की सबसे बड़ी वजह लालू यादव और तेजस्वी का अहंकार है।
राजीव रंजन ने आगे कहा कि चाहे राजद कितनी भी कोशिश कर ले, कांग्रेस उनके झांसे में नहीं आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर महागठबंधन के ये दल मिलकर किसी रणनीति पर सहमत भी हो जाते हैं, तब भी बिहार की जनता इनके जाल में फंसने वाली नहीं है।
JDU नेता के.सी. त्यागी ने राजद नेता तेजस्वी यादव के ‘डुप्लिकेट मुख्यमंत्री’ वाले बयान पर कहा, “INDIA गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है। इससे पहले राहुल गांधी ने ‘मुख्यमंत्री कौन होगा?’ इस सवाल पर चुप्पी साध गए थे, अब नए तरीके से तेजस्वी यादव ने अपने आप को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। आने वाले समय में यह विवाद और बढ़ेगा।”






















