बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों से एक दिन पहले राज्य की सियासत में हलचल तेज़ हो गई है। राजद नेता और महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav Meeting) ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर गठबंधन की प्रमुख पार्टियों के नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई। यह बैठक उस समय हुई जब पूरे राज्य में मतगणना की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं और सभी की निगाहें अब 243 सीटों के नतीजों पर टिकी हैं।
बैठक में महागठबंधन की सहयोगी पार्टियों के कई बड़े नेता मौजूद रहे। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी, भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम समेत कई वरिष्ठ नेता इस रणनीतिक चर्चा में शामिल हुए। माना जा रहा है कि इस बैठक में मतगणना प्रक्रिया पर निगरानी, संभावित परिणामों की समीक्षा और भविष्य की राजनीतिक रणनीति को लेकर गहन चर्चा हुई।
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बैठक से पहले सीपीआई (एम-एल) नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने मतगणना प्रक्रिया को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि “मतगणना पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए क्योंकि जो शुरुआती संकेत मिल रहे हैं वे भरोसा नहीं जगाते। लोगों ने इस बार बदलाव के लिए मतदान किया है और हमें यकीन है कि बिहार में इस बार सत्ता परिवर्तन होगा।”
वहीं कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने कहा, “हमने इतने दिन इंतज़ार किया है, अब मतगणना का भी इंतज़ार करेंगे। डिब्बे खुलने दीजिए, सब स्पष्ट हो जाएगा। अगर गिनती में कोई गड़बड़ी हुई तो यह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय होगा।” उन्होंने यह भी दावा किया कि मतदान के दौरान और उससे पहले भी कई तरह की अनियमितताओं की शिकायतें सामने आई हैं, जिनके साक्ष्य पार्टी ने निर्वाचन आयोग को सौंप दिए हैं।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने भी राजनीतिक माहौल में बदलाव की बात कही। उन्होंने कहा, “मैंने पाया कि इस बार मतदाताओं के चेहरे और उनके हाव-भाव बदल गए थे। जब जनता बदलाव चाहती है, तो उसकी आंखों में वो झलक साफ दिखती है। इस बार 20 साल की सत्ता के खिलाफ जनता ने मजबूती से मतदान किया है।”






















