बिहार में चुनावी माहौल धीरे-धीरे गर्म होता जा रहा है और इसी बीच राजद नेता तेजस्वी यादव ने जनता के नाम एक भावनात्मक लेकिन योजनाबद्ध खुला पत्र जारी कर राजनीतिक हलकों में नई चर्चा छेड़ दी है। यह पत्र न केवल आगामी विधानसभा चुनावों के लिए रोडमैप प्रस्तुत करता है, बल्कि एनडीए सरकार की 20 साल की कार्यशैली पर करारा हमला भी करता है।
तेजस्वी यादव के ओपन लेटर की प्रमुख बातें
- 10 लाख नौकरी का वादा : तेजस्वी ने दावा किया कि उनके 17 महीनों के कार्यकाल में बिना किसी घोटाले और विवाद के 5 लाख नौकरियां दी गईं और साढ़े 3 लाख प्रक्रियाधीन हैं। उन्होंने NDA सरकार पर युवाओं की आकांक्षाओं का उपहास उड़ाने का आरोप लगाया।
- डोमिसाइल नीति – बिहारियों को पहला अधिकार : तेजस्वी ने वादा किया कि उनकी सरकार बनने पर बिहारवासियों के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी, ताकि नौकरी और संसाधनों में बाहरी दखल कम हो और स्थानीय लोगों को प्राथमिकता मिले।
- 65% आरक्षण का वचन – जातीय जनगणना से बढ़ा आत्मविश्वास : उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना से मिली ताक़त के आधार पर अब बिहार को “हिस्सेदारी के हिसाब से हक़” मिलना चाहिए। उन्होंने 65% से अधिक आरक्षण देने की प्रतिबद्धता दोहराई।
- महंगाई, पेंशन, महिला सशक्तिकरण पर ठोस वादे : तेजस्वी ने “माई बहन मान योजना” के तहत हर महिला को ₹2500 प्रतिमाह देने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन को ₹400 से बढ़ाकर ₹1500 करने और 200 यूनिट फ्री बिजली देने की बात की।
- बिहार को उद्योगिक शक्ति बनाने का वादा : तेजस्वी ने इंडस्ट्रियल पार्क, एजुकेशन सिटी, आईटी हब, टेक्सटाइल पार्क, फार्मा ज़ोन जैसे प्रोजेक्ट्स का खाका पेश किया जिससे राज्य में रोज़गार और निवेश दोनों बढ़ सके।
