Bihar Politics : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) को लेकर एक ओर जहां चुनाव आयोग ने आंकड़ों के साथ अपनी प्रगति रिपोर्ट दी है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इस पर गहरी आपत्ति जताई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की मंशा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि यह चुनाव आयोग प्रेस कांफ्रेंस करके बताया है या कोई सोर्स के हवाले से है।
बिहार में SIR अंतिम चरण में.. केवल 6.85% मतदाता ही फॉर्म भरने के लिए शेष
तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “क्या चुनाव आयोग ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी है या फिर यह किसी ‘सोर्स’ के हवाले से फैलाई गई खबर है?” “अभी SIR प्रक्रिया के पूरे होने में 8-10 दिन बाकी हैं, तो फिर ये सटीक आंकड़े अभी कैसे आ गए? इससे साफ दिखता है कि सब कुछ पहले से तय है।” उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है और मतदाता सूची की प्रक्रिया को “पूर्वनियोजित” तरीके से संचालित किया जा रहा है।
Rahul Gandhi In Asam : चुनाव आयोग अब सिर्फ भाजपा नेताओं की बात सुनता है..
तेजस्वी ने कहा “अगर 10 दिन पहले ही आंकड़े आ गए हैं, तो इसका मतलब है कि ये प्रक्रिया केवल औपचारिकता है। सारी स्क्रिप्ट पहले से लिखी जा चुकी है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मतदाता सूची में गड़बड़ी या भेदभाव हुआ तो राजद सड़क से सदन तक इसका विरोध करेगी।
क्या है आयोग का दावा?
बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में दावा किया है कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत कुल मतदाताओं में से 88.65% (करीब 6.99 करोड़ मतदाता) पहले ही फॉर्म भर चुके हैं, जबकि केवल 6.85% (करीब 54 लाख मतदाता) ही शेष हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची के लिए की जा रही है।