पटना। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में आधार कार्ड को स्पेशल समरी रिवीजन (SIR) में 12वें दस्तावेज के रूप में शामिल किए जाने के फैसले ने बिहार की सियासत में नई हलचल मचा दी है। इस निर्णय को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे “जनता और लोकतंत्र की नैतिक जीत” बताया। तेजस्वी ने कहा कि आरजेडी शुरू से ही यह मांग कर रही थी कि वोटर लिस्ट पुनरीक्षण में आधार को मान्य दस्तावेज का दर्जा मिले। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सिर्फ उनकी पार्टी की जीत नहीं, बल्कि आम मतदाताओं के अधिकारों की भी मजबूती है।
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा कि आधार कार्ड को मान्यता देने से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और उन लाखों मतदाताओं को राहत मिलेगी, जिन्हें पहचान साबित करने में अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने कहा, “यह कदम साबित करता है कि हमारी लड़ाई जनता की आवाज के लिए थी, और आज लोकतंत्र की जीत हुई है।”
इसी दौरान आज हुए उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया अभी पूरी हुई है और आगे की राजनीतिक परिस्थितियां बेहद दिलचस्प होंगी। तेजस्वी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए पूर्व राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर कई सवाल खड़े किए और कहा कि जनता जल्द ही सच्चाई देखेगी।
वहीं, अपनी महत्वाकांक्षी “माई बहन योजना” को लेकर भी तेजस्वी यादव ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि आरजेडी कार्यकर्ता लगातार जनता से जुड़कर फॉर्म भरवा रहे हैं ताकि उनकी सरकार बनने पर इस योजना को लागू किया जा सके। लेकिन साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि आरजेडी कार्यकर्ताओं को फॉर्म भरने से रोका जा रहा है और कई जगहों पर गिरफ्तारियां भी की गई हैं। तेजस्वी ने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर हम कोई गैरकानूनी काम कर रहे हैं तो कार्रवाई करें, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं को बेवजह परेशान न करें। यदि उत्पीड़न जारी रहा तो हम अदालत जाने से पीछे नहीं हटेंगे।”






















