Bihar Politics : बिहार में एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) के दौरान घर-घर जाकर किए गए सर्वेक्षण में बड़ा मामला सामने आया है। बूथ स्तर के अधिकारियों को नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से बड़ी संख्या में लोग मिले हैं। 1 अगस्त 2025 के बाद उचित जाँच के बाद, 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होने वाली अंतिम सूची में उनके नाम शामिल नहीं किए जाएँगे। आयोग से जुड़े सूत्रों के अनुसार सर्वे में पता चला है कि इन लोगों ने आधार कार्ड , डोमिसाइल सर्टिफिकेट और राशन कार्ड जैसी सभी तरह के पहचान पत्र बनवाए हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि 1 अगस्त से 30 अगस्त के बीच ऐसे सभी लोगों की पड़ताल की जाएगी और अगर जांच में ये सही पाया गया तो उनका नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
इस खबर को भाजपा द्वारा तेजी से प्रसारित किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि राजद को इन्हीं फर्जी वोटरों की फिक्र है। अब चुनाव आयोग के हवाले से आई इस खबर पर तेजस्वी यादव ने बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि ऐसी खबरों का कोई आधार नहीं है। यह गोदी मीडिया द्वारा फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे सूत्र को हम ‘मूत्र’ समझते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह वही सरकारी सूत्र हैं जो पाकितान के इस्लामाबाद और लाहौर तक कब्ज़ा कर लिए थे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग स्वयं सामने आने की बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा है ताकि इसकी आड़ में खेला कर सके। ये वही सूत्र है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्लामाबाद, लाहौर और कराची पर कब्जा कर चुके थे। इसलिए हम ऐसे सूत्र को मूत्र समझते है। मूत्र यानि ऐसा अपशिष्ट पदार्थ जो दुर्गंध फैलाता है।
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे अभियान की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। महागठबंधन के नेताओं के साथ उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उनके साथ विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस नेता शकील अहमद खान समेत महागठबंधन के कई नेता मौजूद थे।