बिहार की सियासत में जातिगत जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर लगातार गर्माहट बनी हुई है। अब इस बहस को और धार देते हुए नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक लंबा ट्वीट कर BJP और केंद्र सरकार पर हमला बोला है। तेजस्वी ने साफ शब्दों में लिखा कि जातिगत जनगणना तो बस एक शुरुआत है, सामाजिक न्याय की पूरी पटकथा अब सामने आने वाली है।
तेजस्वी ने ट्वीट में जिन बिंदुओं को गिनाया है, वो उनके आने वाले चुनावी एजेंडे की झलक भी देते हैं। उन्होंने लिखा कि अब उनका लक्ष्य है:
- पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित विधानसभा और लोकसभा सीटें सुनिश्चित करना
- निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू कराना
- सरकारी ठेकों में आरक्षण देना
- न्यायपालिका में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करना
- मंडल कमीशन की शेष सिफारिशों को लागू कराना
- जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण देना
- बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना
- और बिहार के लिए विशेष पैकेज सुनिश्चित कराना।
उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा समर्थक लोग पहले उनका मजाक उड़ाते हैं और बाद में उन्हीं के एजेंडे को ‘मास्टर स्ट्रोक’ कहकर प्रचारित करते हैं। तेजस्वी ने ऐसे नेताओं को “खोखला” और “संकीर्ण मानसिकता वाला” बताया।
इस बयान को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। तेजस्वी जहां मंडल राजनीति की वापसी और सामाजिक न्याय के एजेंडे को दोबारा धार दे रहे हैं, वहीं बीजेपी फिलहाल जातिगत जनगणना को समर्थन देने के बाद अपने रणनीतिक विकल्पों पर मंथन कर रही है।
तेजस्वी का यह ट्वीट स्पष्ट संकेत देता है कि RJD अब पूरी तरह से मंडल बनाम कमंडल की पुरानी राजनीतिक धुरी को पुनर्जीवित करना चाहती है। विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज जैसे मुद्दे न सिर्फ बिहार की जनता के आर्थिक हक से जुड़ते हैं, बल्कि ये नीतीश कुमार की राजनीतिक विरासत को भी चुनौती देते हैं।