बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नाम पर दो EPIC (मतदाता पहचान पत्र) होने का मामला अब सियासी रंग पकड़ चुका है। इस मुद्दे को लेकर शनिवार को एनडीए के प्रवक्ताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तेजस्वी यादव पर तीखे आरोप लगाए और चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की। एनडीए नेताओं ने यह भी कहा कि अगर आम नागरिक इस तरह का कृत्य करे, तो उसके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई होती है, लेकिन एक राजनेता पर अब तक कोई कार्रवाई न होना चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है।

डॉ. अजय आलोक ने कहा, “क्या देश और चुनाव आयोग का संविधान इस तरह की दोहरी पहचान रखने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई नहीं करेगा? तेजस्वी यादव के पास दो EPIC कार्ड हैं – यह गंभीर अपराध है। ऐसे व्यक्ति को चुनावी प्रक्रिया से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए।”
नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “पहचान बदलने वाला व्यक्ति देश और प्रदेश को कैसे बदलेगा? पहले से तेजस्वी यादव के नाम पर सात घोटाले हैं, अब यह आठवां ‘EPIC घोटाला’ सामने आया है। दो EPIC, दो अलग पते – ये राजनैतिक जालसाजी है। इस पर एफआईआर होनी चाहिए।”
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राजेश भट्ट, लोजपा (रामविलास) के प्रवक्ता ने आरोप लगाया, “तेजस्वी यादव वही कर रहे हैं जो उनके पिता करते आए हैं। यह सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन है। चुनाव आयोग को तुरंत एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी करनी चाहिए। बिहार की जनता से तेजस्वी यादव को माफी मांगनी चाहिए।”
क्या है पूरा मामला?
तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उनके नाम से दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में EPIC कार्ड जारी हैं, जिनमें पते भी अलग-अलग हैं। यदि यह आरोप सही पाया जाता है, तो यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।