पटना के विद्यापति भवन में बाबू वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव कार्यक्रम मनाया गया। सारण विकास मंच द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में राजद नेता तेजस्वी यादव मुख्य अतिथि थे। साथ ही राजद MLC सुनील कुमार सिंह भी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुनील सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को आज लोग रोजगार के नाम से भी जानते हैं। वीर कुंवर सिंह को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अस्सी वर्ष की उम्र में सभी लोगों को साथ लेकर चलते थे, और सबके लिए उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लिया, धर्म-जाति से ऊपर उनकी सोच थी। आज उनके विजयोत्सव दिवस पर यह प्रण लेना है कि रघुवंश और जदुवंशी को कोई अलग नहीं कर सकता। आज समाज को जाति के नाम पर जो बांटने वाले हैं उनसे बचना होगा।

वीर कुंवर सिंह के सच्चे अनुयायी हैं तो जात पात और धर्म के नाम पर बांटने वालों से बचिए। वीर कुंवर सिंह के शौर्य दिवस पर सोचिये कि हमारा राज्य किसके हाथ में सुरक्षित रहेगा। जिसके हाथ में राज्य है वह अचेत अवस्था में रहने वाले हैं। राज्य में हर जगह अपराध बढ़ गया है। भ्रष्टाचार बढ़ गया है। कहीं भी चले जाइए, बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता। किसान को उर्वरक महंगा मिलता है। उचित मूल्य पर अनाज नहीं बिकता।
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वहीं सारण विकास मंच के संयोजक शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता के माध्यम से बाबू वीर कुंवर सिंह को याद किया. ‘युद्ध नहीं जिनके जीवन में वे भी बहुत अभागे होंगे, या तो प्रण को तोड़ा होगा या फिर रण से भागे होंगे।’ उन्होंने कहा कि वीर कुंवर सिंह ने तो अस्सी साल की उम्र में भी युद्ध किया। आज से 167 साल पहले जो उन्होंने लड़ाई लड़ी थी आज उनके विजयोत्सव को हम मना रहे। सबकी जयंती पुण्यतिथि मानती है, लेकिन हम लोग विजयोत्सव मना रहे। यही उनका कद बताता है। आज के दिन वीर कुंवर सिंह की प्रासंगिकता समझना बहुत जरूरी है। आज बहुत लोग मना रहे हैं, मनाना भी चाहिए, लेकिन सच्ची श्रद्धांजलि वही दे रहे जो लोग उनके आदर्शों को मानते हैं। बाबू वीर कुंवर सिंह जाति-धर्म से ऊपर उठकर शासन चलाए, उनकी टीम में हर धर्म-जाति के लोग थे।

उन्होंने राजनीति की बात करते हुए कहा कि हम लोग नब्बे के दशक में सब लोग साथ थे, हम लोग सामाजिक थे। लेकिन 2005 में भ्रम फैलाया गया कि हम लोग कुछ भी सोच समझ नहीं सके। आज सरकार के इर्द गिर्द कौन लोग हैं यह देखने वाली है, और हम लोग को समझने की जरूरत है। आज हमारी आवाज़ पहुँचाने वाला कोई नहीं है। सरकार में रहते हुए भी हमारी आवाज़ सुनने वाला कोई नहीं। यहां से घर जा कर आप लोग जरूर सोचियेगा।
उन्होंने कहा कि हम तो छपरा जिले से हैं। आज रूडी जी सांसद हैं उन्होंने क्या दिया। लालू जी से 2004 से जुड़ा हूं, सारण में रेल कारखाना है जहां एक लाख लोग नौकरी कर रहे। एक बार मौका दीजिए फिर से तेजस्वी यादव को। सभी लोग संकल्प लीजिए आने वाले चुनाव में तेजस्वी यादव को विजयी बनाइए। और जो लोग वोट मांगने आए उनसे पूछिए कि आपकी सरकार ने क्या दिया। लालू की सरकार बनी तो सबसे पहले आरा में वीर कुंवर सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय दिया। तेजस्वी यादव ने अपने शासन में पतापथ निर्माण मंत्री रहते हुए वीर कुंवर सिंह के नाम पर पथ का नाम रखा। उन्होंने मंच से जय तेजस्वी का नारा दिया। कहा कि पूरे देश को लोग चाहते हैं कि तेजस्वी को मौका मिले। हमलोग का वियोत्सव मनाना तभी सफल होगा।