जहानाबाद की एक जनसभा उस वक्त चर्चा का विषय बन गई जब राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव अपने ही समर्थक पर भड़क उठे। सभा के दौरान भीड़ में मौजूद एक शख्स ने नारा लगाया – “अबकी बार तेजस्वी सरकार”। यह सुनते ही तेजप्रताप का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने मंच से ही तीखी प्रतिक्रिया दी।
तेजप्रताप यादव ने नारा लगाने वाले कार्यकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि “यहां पर फालतू की बात मत करो, तुम आरएसएस के हो क्या? अभी पुलिस पकड़कर ले जाएगी। जनता की सरकार रहती है, किसी व्यक्ति विशेष की सरकार नहीं। जो घमंड करेगा, वह जल्दी गिरेगा। नौटंकी करोगे तो रोजगार नहीं मिलेगा।” उनका यह बयान सभा में मौजूद लोगों को हैरान कर गया।
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इस वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और राजनीतिक हलकों में चर्चा का केंद्र बन गया है। खासकर इसलिए क्योंकि यह नारा उनके छोटे भाई और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के समर्थन में लगाया गया था। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह घटना एक बार फिर राजद के अंदरूनी मतभेदों और शक्ति संतुलन को उजागर करती है।
तेजप्रताप यादव ने आगे अपने समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा कि “उन लोगों के बहकावे में मत आना जो ‘टीम तेजप्रताप यादव’ को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। किसी ने मुझे तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन भगवान ने मुझे एक और मौका दिया।” उन्होंने खुद की तुलना पौराणिक प्रसंगों से करते हुए कहा कि जैसे श्रीराम को वनवास मिला था और श्रीकृष्ण ने कर्म प्रधान होने की बात कही थी, वैसे ही वह भी संघर्षों के बावजूद डटे रहेंगे।
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तेजप्रताप ने यह भी साफ किया कि उन्हें किसी पद का लालच नहीं है और न ही मुख्यमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा है। उन्होंने कहा कि “जो अपना किसी का नहीं हुआ, वह जनता का क्या होगा।” उनके इस बयान ने पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।






















