तेल अवीव : ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव और बढ़ गया है, जहां ईरानी मिसाइलों के हमले से तेल अवीव में व्यापक तबाही मच गई है। इस हमले में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं और वाहनों को नुकसान पहुंचा, जिससे गाजा में देखी गई तबाही की यादें ताजा हो गईं।
इजरायली रक्षा बलों (IDF) के अनुसार, ईरान ने दो चरणों में करीब 100 मिसाइलें दागीं, जिनमें से अधिकांश को आयरन डोम मिसाइल रक्षा प्रणाली ने रोक लिया। हालांकि, कुछ मिसाइलें लक्ष्य तक पहुंच गईं, जिससे संपत्ति को नुकसान हुआ। इस हमले के जवाब में इजरायल ने भी ईरान पर हवाई हमले किए, जिसमें कई कमांडर और परमाणु सुविधाएं निशाना बनाई गईं।
ईरान के संयुक्त राष्ट्र दूतावास ने दावा किया है कि इजरायल के हमलों में 78 लोगों की मौत हुई और 320 से अधिक घायल हुए। दूसरी ओर, इजरायल ने कहा कि उसके हमलों में सीमित नुकसान हुआ और अधिकांश मिसाइलें रोक ली गईं।
इस घटना को ईरान-इजरायल के बीच जारी प्रॉक्सी युद्ध का हिस्सा माना जा रहा है, जो पिछले कई दशकों से जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस संघर्ष का असर पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र पर पड़ रहा है और इसे नई ठंडे युद्ध की तरह देखा जा रहा है।
रक्षा विशेषज्ञ डॉ. संदीप त्रिपाठी ने कहा, “यह हमला दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाने वाला है। ईरान का इजरायल पर मिसाइल हमला और इजरायल का जवाबी कार्रवाई इस क्षेत्र में अस्थिरता को और गहरा सकती है।”
राष्ट्रीय सुरक्षा विश्लेषक रवि मिश्रा ने कहा, “ईरान का इजरायल पर हमला और इजरायल का जवाबी कार्रवाई इस क्षेत्र में शांति के प्रयासों को झटका दे सकती है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस स्थिति पर तुरंत ध्यान देना होगा।”
इस बीच, G-7 नेताओं ने एक संयुक्त बयान में मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता की अपील की है। उन्होंने कहा, “हम ईरान संकट के समाधान और गाजा में युद्धविराम की अपील करते हैं।”