जम्मू: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को एक आतंकी हमले ने इलाके में दहशत फैला दी। पुलिस के अनुसार, पहलगाम के ऊपरी इलाके बैसारन मीडोज में अज्ञात आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें कई लोग घायल हो गए। एक महिला ने बताया कि उसके पति को सिर में गोली लगी, जबकि सात अन्य लोग भी इस हमले में घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना की सूचना मिलते ही सुरक्षा बल और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं और इलाके को सुरक्षित करने के साथ-साथ पीड़ितों की मदद में जुट गईं। बैसारन मीडोज तक केवल पैदल या घोड़े से पहुंचा जा सकता है, जिसके कारण बचाव कार्यों में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पुलिस ने बताया कि हमले की जांच शुरू कर दी गई है और आगे की जानकारी की प्रतीक्षा है। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष की प्रतिक्रिया इस घटना पर जम्मू-कश्मीर कांग्रेस अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कड़ा रुख अपनाते हुए हमले की निंदा की।
उन्होंने कहा, “यह घटना अत्यंत निंदनीय है, खासकर पर्यटकों पर हमला होना बेहद चिंताजनक है। एक तरफ भाजपा दावा करती है कि जम्मू-कश्मीर में माहौल पूरी तरह ठीक है और आतंकवाद को खत्म कर दिया गया है, लेकिन अगर सब कुछ ठीक है तो ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं?” कर्रा ने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को अहंकार छोड़कर अपनी खामियों को स्वीकार करना चाहिए और देश की जनता को यह बताना चाहिए कि आखिर ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं।
क्षेत्र में बढ़ती आतंकी गतिविधियां यह हमला जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में बढ़ती आतंकी गतिविधियों की एक और कड़ी है। इससे पहले फरवरी 2025 में दाचीगाम जंगल में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी को मार गिराया था, जो गगनगीर में एक हमले में शामिल था। इसके अलावा, जून 2024 में शिव खोड़ी से कटरा जा रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हुए आतंकी हमले में नौ लोगों की मौत हो गई थी और 41 लोग घायल हुए थे।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले में एक आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सुरक्षा बलों की कार्रवाई पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों ने बैसारन मीडोज और आसपास के इलाकों में सघन तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला पर्यटकों को निशाना बनाकर इलाके में डर का माहौल पैदा करने की साजिश का हिस्सा हो सकता है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के बावजूद ऐसी घटनाएं क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं। स्थानीय लोगों और पर्यटकों में इस घटना को लेकर भय और आक्रोश का माहौल है।