नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि वह विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए करीब 65 लाख मतदाताओं की पूरी जानकारी 9 अगस्त तक अदालत में पेश करे। शीर्ष अदालत ने यह निर्देश ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (ADR) की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है।
ADR ने उठाए थे गंभीर सवाल
गैर-सरकारी संगठन ADR ने चुनाव आयोग द्वारा 24 जून, 2025 को जारी उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत SIR प्रक्रिया की शुरुआत बिहार से कर पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया गया था। याचिका में यह मांग की गई है कि आयोग यह स्पष्ट करे कि जिन 65 लाख लोगों के नाम हटाए गए हैं, वे मृत हैं, स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं, या किन कारणों से सूची से बाहर किए गए हैं।
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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की तीन-सदस्यीय पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग हटाए गए मतदाताओं की जानकारी कोर्ट और याचिकाकर्ता ADR को दे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल यह सिर्फ ड्राफ्ट लिस्ट है और अंतिम सूची से पहले मतदाताओं से संपर्क कर आवश्यक जानकारी ली जाएगी।
65 लाख नाम ड्राफ्ट सूची से बाहर
चुनाव आयोग ने बताया कि 24 जून से शुरू हुई SIR प्रक्रिया के तहत अब तक 91.69% मतदाताओं ने अपने विवरण जमा किए हैं। कुल 7.89 करोड़ मतदाताओं में से 7.24 करोड़ ने जानकारी दी है, जिसके आधार पर 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट प्रकाशित की गई। इसमें 65 लाख मतदाता फिलहाल बाहर हैं। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 9 अगस्त को करेगा। तब तक चुनाव आयोग को हटाए गए सभी मतदाताओं के नाम, उनके हटाए जाने के कारण और संबंधित दस्तावेज कोर्ट में जमा करने होंगे।






















