राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने दो दिवसीय बिहार दौरे पर मंगलवार को पटना पहुंचीं। पटना के प्रतिष्ठित बापू सभागार में PMCH के शताब्दी समारोह में वह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। यह ऐतिहासिक समारोह PMCH के 100 साल पूरे होने पर आयोजित किया गया, जिसकी स्थापना 25 फरवरी 1925 को हुई थी। इस मौके पर 3000 से ज्यादा डॉक्टर्स को सम्मानित किया गया, जो अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं।
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नीतीश कुमार का ‘बिना नाम’ वाला तंज— अतीत और वर्तमान का फर्क
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते दौर के शासन पर हमला बोलते हुए कहा “वो लोग कुछ काम नहीं कर रहे थे। उन लोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया। हमने हर वर्ग के लिए काम किया। आज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में महीने में 11 हजार लोग इलाज के लिए आते हैं, जबकि पहले सिर्फ 40 लोग आते थे।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बिहार में पहले हिंदू-मुस्लिम झगड़े ज्यादा होते थे, लेकिन अब अमन-चैन का माहौल है। उन्होंने अपने शासनकाल में किए गए विकास कार्यों पर जोर देते हुए कहा कि बिहार को आगे ले जाने के लिए राज्य और केंद्र के बीच सहयोग जरूरी है।
जेपी नड्डा का बिहार प्रेम— ‘PMCH से मेरा नाता, बिहार अब अग्रणी राज्य’
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंच से अपनी PMCH से जुड़ी व्यक्तिगत यादें साझा करते हुए कहा कि “मेरा जन्म भी PMCH में हुआ था। दुनिया में शायद ही कोई जगह होगी जहां PMCH के डॉक्टर न हों। यह दुनिया का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां सभी को एक बार जरूर विजिट करना चाहिए।”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार के बदलाव की बात करते हुए कहा कि “पहले बिहार बीमारू राज्य कहलाता था, लेकिन अब इसकी गिनती शीर्ष राज्यों में होती है। मोदी जी बिहार के विकास के लिए लगातार प्रयासरत हैं, जिससे राज्य आगे बढ़ रहा है।”
राज्यपाल का ‘गीता ज्ञान’, राष्ट्रपति का सम्मानित संबोधन
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इस अवसर पर मेडिकल स्टूडेंट्स को गीता के श्लोकों के जरिए जीवन जीने के मंत्र सिखाए। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए धैर्य, निष्ठा और सेवा भावना की अहमियत बताई।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू थीं, लेकिन उन्होंने मंच से कोई बड़ा राजनीतिक बयान नहीं दिया। उन्होंने सिर्फ बिहार की ऐतिहासिक चिकित्सा विरासत की सराहना की और PMCH के डॉक्टरों को स्वास्थ्य सेवा में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
इस पूरे समारोह में एक तरफ स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास की बातें हुईं, तो दूसरी तरफ राजनीतिक कटाक्ष और दावे भी गूंजे। इस भव्य आयोजन के बाद राष्ट्रपति मुर्मू पटना में रात्रि विश्राम करेंगी और 26 फरवरी की सुबह 9 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
आपको बता दें कि PMCH की स्थापना आजादी से पहले 25 फरवरी 1925 को हुई थी। उस समय इसे ‘प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज’ के नाम से जाना जाता था। बंगाल विभाजन के बाद बिहार को एक मजबूत चिकित्सा संस्थान की जरूरत थी, जिसके बाद इसका निर्माण हुआ। आज यह भारत के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में गिना जाता है और इसने हजारों प्रतिष्ठित डॉक्टर देश-विदेश को दिए हैं।
PMCH के इस भव्य समारोह ने बिहार की राजनीति में स्वास्थ्य, विकास और सत्ता की खींचतान के नए संकेत दिए हैं। जहां नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल को बेहतर बताया, वहीं जेपी नड्डा ने भाजपा के विजन की तारीफ की। अब देखना यह होगा कि क्या इस समारोह की राजनीतिक गूंज आने वाले चुनावों तक बनी रहेगी?