Bihar Politics: बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन दूसरे पहर की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जोरदार बहस की मांग की। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सवालों को नजरअंदाज किए जाने पर सदन में महागठबंधन विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया।
पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि विपक्ष की आवाज़ को सदन में दबाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि “बिहार लोकतंत्र की जननी है, लेकिन आज यही लोकतंत्र यहां खतरे में है। चुनाव आयोग आम मतदाताओं के नाम काट रहा है और हम इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं। तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि यह सत्ता और विपक्ष का मुद्दा नहीं, बल्कि आम जनता और मतदाता अधिकारों से जुड़ा सवाल है। उन्होंने गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी का हवाला देते हुए नागरिकता जांच के मुद्दे पर भी सवाल खड़े किए।
वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधते हुए तेजस्वी ने कहा, “उन्हें राज्य में क्या हो रहा है, इसकी जानकारी तक नहीं है। SIR को लेकर हमने कई बार अपत्ति जताई है। कुछ ऐसी दस्तावेज है जो गरीबों के पास नहीं है जो बाहर काम करने जाते हैं वो कैसे वोटर बनेंगे। तो एक बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है और आज हम सभी INDIA गठबंधन के लोगों ने कार्य स्थगन प्रस्ताव लाने का काम किया ताकि इस पर विशेष तौर पर चर्चा हो सके। ताकि सभी बात सामने आए।
तेजस्वी यादव ने कहा कि विशेष पुनरीक्षण का कार्य बंद नहीं हुआ तो बिहार के लाखों लोग वोट डालने से वंचित हो जाएंगे। यह एक बहुत ही गंभीर विषय है। बिहार लोकतंत्र की जननी है, और यहीं पर इसे खत्म भी किया जा रहा है। हम लोग इस मुद्दे पर चुप बैठने वाले नहीं है, पुनरीक्षण के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।