किसी ने खूब कहा है कि जिक्र क्या, जुबां पर नाम नहीं! इससे बड़ा कोई इंतेकाम नहीं। लेकिन हर बार यह जरुरी नहीं होता कि जिससे इंतकाम लेना हो या जिसे सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए, उसे सम्मान न दिया जाए। शुक्रवार को लोकसभा में भी कुछ ऐसा ही नजारा रहा।
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अतीक को भी श्रद्धांजलि
संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन उन सभी सांसदों को श्रद्धांजलि दी गई, जिनका निधन बजट सेशन के बाद हुआ। इनमें उस अतीक अहमद का नाम भी शामिल था, जिसकी हत्या 15 अप्रैल को प्रयागराज में कर दी गई थी। अतीक अहमद को श्रद्धांजलि दी जाए या नहीं, इस पर पशोपेश थी। क्योंकि अतीक अहमद अपनी हत्या के पहले एक पूर्व सांसद होने के साथ एक सजायाफ्ता अपराधी भी था। कोर्ट से उसे उम्रकैद की सजा हो चुकी थी। चर्चा का विषय ये था कि अतीक को पूर्व सांसद मान कर श्रद्धांजलि दी जाएगी या फिर उसे अपराधी मान, उसका जिक्र भी नहीं किया जाएगा। सबकी निगाहें लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की तरफ थीं। इस बीच ओम बिड़ला ने शुक्रवार को सभी पूर्व सांसदों के नाम के साथ अतीक अहमद का जिक्र भी किया और उन्हें श्रद्धांजलि भी दी।
स्पीकर ने अतीक के बारे में बताया
संसद की पुरानी परंपरा है कि हर सत्र के पहले दिन उन पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिनका निधन दो सत्रों के बीच हुआ है। इस बार भी इसी परंपरा का निर्वहन स्पीकर ओम बिरला ने किया। उन्होंने सबसे पहले पूर्व सांसदों के निधन पर शोक व्यक्त किया। एक-एक कर सभी पूर्व सांसदों का नाम भी लिया। साथ ही सभी के बारे में बताया और संसद की ओर से दुख जताया। इन नामों में ही अतीक अहमद भी शामिल रहा।
अतीक को श्रद्धांजलि देते हुए ओम बिड़ला ने कहा कि ‘अतीक अहमद, यूपी के फूलपुर संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से 14वीं लोकसभा के सदस्य थे। श्री अहमद रेल संबंधी समिति के सदस्य रहे। इससे पूर्व वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य भी रहे। श्री अतीक अहमद का निधन 15 अप्रैल 2023 को 60 वर्ष की आयु में प्रयागराज में हुआ।’
आपको बता दें कि पूर्व सांसद अतीक अहमद की हत्या 15 अप्रैल की रात को प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में पुलिस कस्टडी में हो गई थी। इस दौरान तीन शूटर्स ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को मार दिया था।