वाशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया युद्धविराम अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ है, जिसने एक बड़े पैमाने पर परमाणु युद्ध की संभावना को टाल दिया। ट्रंप ने कहा, “हमने परमाणु संघर्ष को रोका। मुझे लगता है कि यह एक बुरा परमाणु युद्ध हो सकता था। लाखों लोग मारे जा सकते थे।”
ट्रंप के अनुसार, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से काम किया। व्हाइट हाउस से जारी एक बयान में ट्रंप ने कहा, “मैं उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।”
हालांकि, भारत ने अमेरिका की मध्यस्थता के दावों को खारिज किया है। भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि युद्धविराम सीधे तौर पर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत से हुआ है, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से।
पाकिस्तान के परमाणु हथियारों के भंडार और उनकी आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस संघर्ष पर करीबी नजर रखी। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार हैं, और भारत ने भी अपनी ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति पर पुनर्विचार करने की बात कही है।
ट्रंप का बयान और अमेरिका की कथित मध्यस्थता का दावा, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की भूमिका को रेखांकित करता है। हालांकि, भारत की ओर से इस दावे को खारिज करने से इस मुद्दे पर और बहस छिड़ सकती है।