बिहार में बाढ़ से ग्रामीण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मोतिहारी के संग्रामपुर प्रखंड में गंडक नदी का प्रकोप जारी है। नदी के रौद्र रूप ने पूछरिया गांव के लोगों को अपना घर छोड़कर चंपारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर कर दिया है। बता दें की अब तक 20 से अधिक घर नदी में समा चुके हैं, जबकि बचे हुए घर को लोग रस्सियों से बांधकर उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, पानी और गड्ढों से रास्ता अवरुद्ध है।
ग्रामीणों का कहना है कि उनका घर बाढ़ में डूब रहा है और पीने के पानी की किल्लत है। प्रशासन और जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन देकर चले जाते हैं, जबकि पानी लाने के लिए उन्हें दो किलोमीटर दूर संग्रामपुर बाजार तक जाना पड़ता है। वहीं, जो पिछले चार दिनों से तटबंध पर रह रहे हैं उनका कहना है कि पहली बार प्रशासन ने चूड़ा और मिठाई दी। लेकिन वह इतना खराब था कि उसे जानवर भी खाने को तैयार नहीं थे।
अरेराज के SDO अरुण कुमार ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन और प्लास्टिक की व्यवस्था की गई है। साथ ही, कम्युनिटी किचन भी चलाया जा रहा है ताकि उन्हें आवश्यक सुविधाएं मिल सकें। प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है कि तटबंध पर रहने वाले और बाढ़ पीड़ित लोगों को कोई परेशानी न हो।