नए संसद भवन पर ठनी रार में नीतीश कुमार भी खुलकर सामने आ गए हैं। एक तरफ उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह कह रहे हैं कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए। राष्ट्रपति उद्घाटन नहीं कर रहीं हैं, इसलिए जदयू बहिष्कार कर रही है। तो दूसरी ओर बिहार के CM Nitish Kumar ने तो साफ कह दिया कि इस नए भवन की जरुरत ही नहीं थी।
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“नए भवनों से इतिहास नहीं बदलने वाला”
नीतीश कुमार ने कहा कि “नए संसद भवन की जरूरत ही नहीं थी। अगर वाकई जरुरत थी तो पुराने संसद को ही और विकसित कर देना चाहिए था।” नीतीश कुमार यहीं नहीं रुके। उन्होंने भाजपा पर इतिहास को बदलने का आरोप भी लगाया। साथ ही यह भी कहा कि नए भवनों से इतिहास नहीं बदलने वाला है।
“सरकार सबकुछ बदलना चाहती है”
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार सबकुछ बदलना चाहती है। वह पूरा इतिहास बदलने जा रही है। लेकिन यह संभव नहीं है। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नहीं बुलाए जाने पर नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र क्या कर रहा है, यह देख ही रहे हैं।