नई दिल्ली: ओडिशा सरकार द्वारा नई दिल्ली के ताज पैलेस में आयोजित “ओडिशा निवेशक सम्मेलन 2025” में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ओडिशा जल्द ही विश्व के महत्वपूर्ण ऊर्जा लेन-देन और ऊर्जा उत्पादन केंद्रों में से एक बनने जा रहा है। इस सम्मेलन में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद रहे। सम्मेलन के दौरान ओडिशा सरकार ने कई अहम समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए, जिनमें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पेट्रोनेट एलएनजी, और इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोकेमिकल रिजर्व्स लिमिटेड जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं। यह आयोजन ओडिशा को निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आगामी “उत्कर्ष ओडिशा: मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025” का हिस्सा है।
यह कॉन्क्लेव 28-30 जनवरी 2025 को भुवनेश्वर में आयोजित होने वाला है। धर्मेंद्र प्रधान, जो पहले पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री रह चुके हैं, ने ओडिशा की ऊर्जा क्षेत्र में संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “राज्य की रणनीतिक ताकत, निवेशक-अनुकूल नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में अवसर ओडिशा को औद्योगिक विकास के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाते हैं।” प्रधान ने अपने कार्यकाल के दौरान ऊर्जा क्षेत्र में कई पहल की थीं, जिनमें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना और गैस-आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 60 अरब डॉलर के निवेश शामिल हैं। यह सम्मेलन ओडिशा सरकार और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य राज्य में कारोबारी माहौल को बेहतर बनाना और वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करना है।