उत्तर प्रदेश की राजनीति में मतदाता सूची से जुड़े विशेष सघन पुनरीक्षण (UP SIR Process Row) को लेकर विवाद तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोपों पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तीखा पलटवार करते हुए कहा कि बिहार चुनाव में RJD की हार के बाद से विपक्ष बौखलाया हुआ है और इसका सबसे ज्यादा असर अखिलेश यादव की बयानबाजी में दिख रहा है। उनका कहना है कि अखिलेश यादव बिना तथ्यों के, लगातार गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियाँ कर रहे हैं और मतदाताओं के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
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डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि विशेष सघन पुनरीक्षण निर्वाचन आयोग की एक पूरी तरह नियमित और पारदर्शी प्रक्रिया है, जिसका एकमात्र उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है ताकि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और अद्यतन रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता इस अभियान में शामिल है, लेकिन विपक्ष इसे राजनीतिक रंग देने में जुटा हुआ है। मौर्य ने साफ कहा कि आरक्षण खत्म करने का सवाल ही नहीं उठता और एसआईआर का आरक्षण से कोई संबंध नहीं है, इसलिए इस तरह की बातें जनता को गुमराह करने की कोशिश हैं।
ममता बनर्जी द्वारा दिए गए बयान—जिसमें उन्होंने कहा कि बीएलओ आत्महत्या कर रहे हैं इसलिए SIR बंद होना चाहिए—पर भी केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि न तो जनता और न ही बीएलओ को इस तरह के बयानों के बहकावे में आना चाहिए, क्योंकि यह प्रक्रिया वर्षों से चलती आ रही है और इसका उद्देश्य चुनावी आंकड़ों को सही रखना है, न कि किसी पर दबाव बनाना। मौर्य का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा करना विपक्ष की आदत बन गई है और इससे लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने की कोशिश हो रही है।






















