प्रवासी भारतीयों को लेकर अमेरिकी सेना का तीसरा एयरक्राफ्ट अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड कर चुका है। इस बार 112 भारतीयों को वापस भेजा गया है। इस बार हरियाणा के सबसे ज्यादा लोग हैं। उसके बाद गुजरात और पंजाब के रहने वाले हैं। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप की सरकार वैसे लोगों को वापस उनके देश भेज रही है, जा अवैध तरीके से अमेरिका में रह रहे हैं।
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इनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं। तीसरी खेप में 112 प्रवासी भारतीय शामिल हैं। इनमें से 44 लोग हरियाणा के हैं। वहीं, गुजरात के 33 और पंजाब के 31 लोग शामिल हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के 2, हिमाचन के 1 और उत्तराखंड के एक लोग शामिल हैं। इस तरह कुल मिलाकर 112 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया है।
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बता दें कि अमेरिका से तीसरी बार प्रवासी भारतीयों को इंडिया भेजा गया है। इससे पहले अमेरिकी सेना के दो स्पेशल एयरक्राफ्ट से प्रवासी भारतीयों को भेजा जा चुका है। यह तीसरा बैच है। इस बार अमेरिका से 112 प्रवासी भारतीयों को वापस भेजा गया है। पहली बार 104 प्रवासी भारतीयों को इंडिया भेजा गया था, जबकि दूसरे बैच में 116 प्रवासी भारतीयों को वापस भेजा गया था।
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इन्हें लाने के लिए अमेरिकी सेना के स्पेशल एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया है। तीन बैच में कुल मिलाकर 332 प्रवासी भारतीयों को वापस भेजा गया है। अमेरिका से 5 फरवरी को पहला और उसके बाद 15 फरवरी और फिर 16 फरवरी को प्रवासी भारतीयों के साथ अमेरिकी प्लेन ने अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड किया। सभी के हाथ और पैर में हथकड़ी और जंजीर लगी हुई थी, जिसका विपक्ष ने काफी विरोध किया था।
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रवासी भारतीयों की अमृतसर में लैंडिंग कराने का पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि अमृतसर जैसे सीमावर्ती जिले में अमेरिका का सैन्य विमान उतारना देश के लिए खतरा है। अन्य देश अपने निर्वासितों को वापस लाने के लिए अपने सिविलियन प्लेन भेज रहे हैं, तो हम एक अमेरिकी सैन्य विमान को यहां उतरने की अनुमति क्यों दे रहे हैं? बता दें कि पंजाब सरकार ने राज्य के बाहर से आए लोगों के लिए अस्थायी आवास की व्यवस्था की थी। बाद में उन्हें सड़क मार्ग से उनके डेस्टिनेशन तक भेजा जाता है।