नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गब्बार्ड ने भारत के प्रति अपनी एकजुटता जताई है। इस हमले में 26 हिंदुओं की जान चली गई थी, जिसमें एक विदेशी नागरिक और एक स्थानीय निवासी भी शामिल थे। गब्बार्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए इस हमले को “भीषण इस्लामी आतंकवादी हमला” करार दिया और भारत के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।
उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “हम पहलगाम में 26 हिंदुओं को निशाना बनाकर किए गए भीषण इस्लामी आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत के साथ एकजुटता से खड़े हैं। मेरी प्रार्थनाएं और गहरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत के सभी लोगों के साथ हैं। हम आपके साथ हैं और इस जघन्य हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने में आपका समर्थन करते हैं।”

पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
यह हमला 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के ऊपरी इलाकों में स्थित बाइसरण मीडोज में हुआ था, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंट फ्रंट (TRF) ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा का एक सहयोगी संगठन है। हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिसमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में हुआ सबसे घातक हमला माना जा रहा है।
पाकिस्तान पर गंभीर आरोप
हमले के बाद एक पूर्व पाकिस्तानी सैनिक, आदिल रजा ने दावा किया कि यह हमला पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के इशारे पर किया गया था। रजा ने X पर लिखा, “पहलगाम आतंकी हमला जनरल असीम मुनीर और उनके सैन्य सहयोगियों द्वारा अपने निजी हितों के लिए किया गया एक व्यक्तिगत कृत्य था।” इस दावे ने पाकिस्तान के आंतरिक असंतोष को उजागर किया है।
भारत-पाकिस्तान तनाव बढ़ा
हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए कई राजनयिक कदम उठाए, जिसमें अटारी सीमा चौकी को बंद करना, वीजा रद्द करना और कई पाकिस्तानी कर्मियों को निष्कासित करना शामिल है। सबसे बड़ा कदम सिंधु जल संधि (IWT) को निलंबित करना रहा, जिसे पाकिस्तान ने “युद्ध का कृत्य” करार दिया है। श्रीनगर में हमले के अगले दिन लोगों ने मोमबत्ती जलाकर विरोध प्रदर्शन भी किया।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
तुलसी गब्बार्ड के अलावा, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी हमले की निंदा की और भारत के प्रति समर्थन जताया। गब्बार्ड, जिन्हें फरवरी 2025 में अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था, ने इस बयान के जरिए वैश्विक सुरक्षा मुद्दों पर अपनी सक्रिय भूमिका दिखाई है।
यह हमला और उसके बाद की घटनाएं भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों को और गंभीर बना सकती हैं। भारत ने हमले के जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान शुरू कर दिया है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग की भी उम्मीद की जा रही है।