लोकसभा में गंगलवार को अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) के एक तंज पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भड़क गए थे। उन्होंने कहा था कि आखिर आप किसी की जाति कैसे पूछ सकते हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बुधवार को कहा कि जाति का सवाल कोई नया नहीं है। यह बहुत पुराना सवाल है। जाति का सवाल जिसे जानना है उसे अंबेडकर की किताब एनिहिलेशन ऑफ़ कास्ट जरूर पढ़ना चाहिए। इनके (बीजेपी) पास क्या जाति तोड़ो आंदोलन का कोई विकल्प है। जिसको जाति को लेकर दिक्कत और परेशानी है उसे मंडल कमीशन की किताब आज ही खरीद लेनी चाहिए और प्रस्तावना पढ़नी चाहिए। अगर जाति जनगणना की मांग हो रही है तो इसमें कोई गलत नहीं है। हमारे बहुत सारे फैसले और नीतियां तभी अच्छे होंगे जब जाति जनगणना होगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि आप हमारे वे साथी हैं, जो सब पर नजर रखते हैं। एक समय ऐसा आया था, यूपी के सदन में जब शूद्र को लेकर बहुत सी चर्चा शुरू हो गई थी। मुझे याद है कि जब मैं मंदिर में दर्शन को गया तो ऐसी ताकतें हैं, जो नहीं चाहती थीं कि मैं हवन और पूजन करूं। आखिर ये कौन सी ताकतें हैं। मैं उस दिन को भूल नहीं सकता, जिस दिन मुख्यमंत्री आवास को गंगाजल से धोया गया। कोई जागरूक इंसान मुझे समझा दे कि किसी सीएम के आवास को गंगाजल से कैसे धोया जा सकता है। मैंने मैनपुरी में देखा कि बहुत से लोगों ने प्रतिमा को धोया था। मैं कन्नौज में उस मंदिर में गया था, जहां जाने के बाद मैं पहली बार जीता था। मेरे आने के बाद मंदिर को धोया गया था।’
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आज जब विश्व गुरु और विकसित भारत की बात हो रही है, तब मंदिर धोने का भी काम होता है। हम कभी मजाक करें तो बात अलग है, लेकिन क्या कोई किसी की जाति पूछ सकता है। मुझे लगता है कि अनुराग ठाकुर जी को कहा गया कि आप 99 बार गाली खाकर आओ तब मंत्री बनोगे। गौरतलब है कि अनुराग ठाकुर ने बिना किसी का नाग लिए कहा था कि वे जाति जनगणना की बात कर रहे हैं, जिन्हें खुद की जाति पता नहीं है। इस पर राहुल गांधी भड़क गए थे और कहा था कि अनुराग ठाकुर ने मेरा अपमान किया है, लेकिन में उनकी माफी भी नहीं चाहता। इस पर अनुराग ने कहा था कि मैंने तो किसी का नाम भी नहीं लिया है। फिर राहुल गांधी ही क्यों खड़े हुए।