लखनऊ: समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण की आज जयंती है। उनको श्रद्धाजंलि देने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव गोमती नगर स्थित जेपी एनआईसी जाने का ऐलान कर चुके थे। इससे पहले ही उनके आवास पर लखनऊ पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी। आवास के सामने भारी पुलिसबल तैनात कर दिया है। इसके विरोध में सपा नेता और कार्यकर्ता सुबह से बैरिकेड्स पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, सपा मीडिया सेल ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर यूपी सरकार से पूछा है कि क्या अखिलेश यादव को हाउस अरेस्ट किया जा रहा है? योगी जी स्पष्ट करें।
इस बीच, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा कि जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन JPNIC के म्यूजियम में जाकर उनकी जयंती मनाते हैं लेकिन पता नहीं क्या कारण है कि आज सरकार हमें रोक रही है, माल्यार्पण नहीं करने दे रही है… भाजपा ने हर अच्छा काम रोका है लेकिन आज हम लोग सड़क पर खड़े होकर अगर जयप्रकाश नारायण को याद भी कर रहे हैं तो ये सरकार हमें रोकना चाहती है कि हम माल्यार्पण न करें लेकिन हम लोगों ने यहां सड़क पर ही माल्यार्पण कर दिया। जयप्रकाश नारायण के नाम पर जो इमारत बनाई गई है, उसे इसलिए ढका गया है क्योंकि उसके पीछे साजिश है। साजिश ये है कि वे उसे बेचना चाहते हैं। ऐसी सरकार जो म्यूजियम बेच रही हो उससे क्या उम्मीद की जा सकती है। समाजवादी पार्टी के लोग हर साल उनकी जयंती मनाते रहे हैं और उसी तरह से मनाते रहेंगे… हम लोग वहीं जाकर भारत रत्न जयप्रकाश नारायण को सम्मान देने का काम करेंगे। यह सरकार गूंगी-बहरी तो है ही लेकिन आज कल इसे दिखाई भी नहीं दे रहा है … सही मायने में यह एक विनाशकारी सरकार है…”
योगी सरकार बेच रही जेपी एनआईसी? दो साल बाद क्या करेंगे?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के निर्धारित दौरे से पहले उत्तर प्रदेश में जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) को सील करने और पुलिस बल तैनात करने पर कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “जहां किसी महापुरुषों की प्रतिमा लगी हो तो हर किसी नागरिक को जो उस पर श्रद्धा अर्पित करना चाहता है, यह अधिकार मिलनी चाहिए… मुझे यह तर्क समझ में नहीं आया कि उन्हें (अखिलेश यादव) Z+ सुरक्षा प्राप्त है और अगर वे वहां जाते हैं तो उन्हें खतरा है। अगर ऐसा है, तो उस क्षेत्र की सफाई करवा दीजिए। आप वहां पर कुछ ऐसा करें जिससे उन्हें वहां कोई खतरा न हो। अगर आप कहते हैं कि कोई भी वहां माला नहीं चढ़ा सकता, तो यह अनुचित है, खासकर जब यह एक पूर्व मुख्यमंत्री की बात हो, जिन्होंने इसका निर्माण शुरू करवाया था।”
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “किसी भी जगह जहां लोकतंत्र है वहां कोई श्रद्धांजलि भी नहीं देने जा सकता ये कैसी बात है? आप बता दीजिए कि उस जगह क्या करना है या क्या नहीं करना है ताकि वहां(JPNIC) जो निर्माण कार्य हो रहा है उसे क्षति न पहुंचे लेकिन आप किसी को रोक देंगे, उनके घर के बाहर पुलिस लगा देंगे या घेराबंदी कर देंगे। ये कहां का लोकतंत्र है?”
‘इन बैरिकेड्स से समाजवादी नहीं डरते’
दूसरी ओर, सपा मीडिया सेल ने आगे लिखा है- ‘क्या लोकतंत्र के लोकनायक, आजादी की लड़ाई के महान क्रांतिकारी, समाजवादियों के प्रेरणास्रोत जेपी जी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने से क्यों रोक रही है सरकार? कायस्थ बिरादरी से आने वाले बड़े नेता जयप्रकाश नारायण जी का अपमान कर रही है भाजपा/योगी सरकार। जातिवादी ठाकुर योगी सरकार में क्रांतिकारियों और लोकतंत्रवादियों का अपमान होता है और स्वजातीय बलात्कारी चिन्मयानंद और सेंगर जैसों का सम्मान करते हैं सीएम योगी? कोई शर्म बाकी है सरकार और सीएम में? अखिलेश यादव जी के घर और सपा दफ्तर के बाहर योगी/भाजपा सरकार द्वारा लगाए जा रहे ये बैरिकेड्स भाजपा/योगी सरकार के ताबूत की आखिरी कील साबित होंगे क्योंकि इन बैरिकेड्स से समाजवादी नहीं डरते।’
देर रात जेपी एनआईसी पहुंच गए थे अखिलेश
आपको बता दें कि अखिलेश यादव गुरुवार रात ही अपने काफिले के साथ जेपी एनआईसी पहुंच गए थे। वहां गेट पर उन्हें चादर की टीन लगी मिली। इस पर वे वापस लौट आए। पिछले साल भी अखिलेश यादव ने गेट फांदकर अंदर प्रवेश कर लिया था और जयप्रकाश नारायण को श्रद्धाजंलि दी थी। इस मौके पर अखिलेश ने कहा कि इस जनविरोधी सरकार ने लखनऊ में बने जेपीएनआईसी जैसे विकास कार्य को बर्बाद करके महापुरुषों का अपमान किया है। समाजवादी इन तानाशाहों के आगे झुकेंगे नहीं। किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं।