उत्तर प्रदेश का सीएम बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ भाजपा के पोस्टर ब्वाय बन चुके हैं। 2017 में यूपी का विधानसभा चुनाव भाजपा ने बहुमत से जीता और योगी काल की शुरुआत हुई। इसके बाद 2022 में योगी के नेतृत्व में भी भाजपा पूर्ण बहुमत की सरकार लाने में सफल रही। लेकिन 2024 आते आते योगी के शासन का जादू फुस्स हो गया। लोकसभा चुनाव में भाजपा को यूपी में अपेक्षाकृत बड़ी हार मिली। अब यूपी में भाजपा की अंदरुनी राजनीति में तूफान मचा हुआ है। चर्चा है कि योगी की कुर्सी तक जा सकती है। इन चर्चाओं को योगी आदित्यनाथ की राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात ने और हवा दे दी है।
दरअसल, यूपी में भाजपा के दिग्गज केशव प्रसाद मौर्य ने बगावत कर दी है। उनकी बगावत भले ही सार्वजनिक नहीं हुई है लेकिन उनके तेवर और पार्टी के भीतर की खींचतान जरुर सार्वजनिक हो चुकी है। इधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने बुधवार शाम को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर यूपी में भाजपा की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भूपेंद्र चौधरी की रिपोर्ट में यूपी की सरकार और संगठन के बीच खींचतान की चर्चा है। ऐसे में संभावना है कि योगी से अब यूपी भाजपा के बड़े नेता साफ तौर पर असंतुष्ट हो सकते हैं।
दूसरी ओर सीएम योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की है। इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है। लेकिन इस मुलाकात को सीएम योगी की विदाई के रूप में भी देखा जा रहा है। हालांकि इस मामले में अभी कुछ भी तय नहीं है लेकिन अफवाहों का बाजार गर्म है।