2 महीने की देरी के बाद दरिन्दे हुए गिरफ्तार , आरोपितों का था एक प्रतिष्ठित राजनीतिक पार्टी से सम्बन्ध
IIT BHU में गैंग रेप के हुए वारदात में आखिरकार दोषियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर ही लिया और तदनुसार न्यायालय के सामने तीनो पेश भी किये गए। न्यायालय ने उन तीनो मनचलों को न्यायिक हिरासत में भेज आगे की न्यायिक कार्यवाही केलिए आदेश भी दिया। वहीँ देखा जाये तो गैंगरेप मामले में 60 दिनों के लंबित समय के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों कुणाल पांडेय, सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान को गिरफ्तार किया है। साथ ही उस बुलेट को भी बरामद कर लिया गया है, जिसके जरिए इस वारदात को अंजाम देने के लिए तीनों आरोपी कैंपस पहुंचे थे। खबर है कि आरोपी छात्र BJP से ताल्लुक रखते थे। क्या यही वजह है कि उनके इस हैवानियत के बावजूद उन्हें इतनी देर से गिरफ्तार किया गया? त्वरित कार्यवाही न होने से वहीं, छात्र-छात्रायें लगातार IIT-BHU कैंपस में धरना-प्रर्दशन करते रहे। यहाँ तक कि बाद में ये प्रर्दशन सड़कों तक आ गया।विपक्षी दलों ने भी मौका देखकर अपनी खिचड़ी पका ही ली। खैर राजनीति ही सही, पर उन्होंने सच का ही साथ दिया। क्यूंकि ऐसे जघन्य अपराध के बावजूद भी दोषी खुलेआम घुमे, ये देश की विधि व्यवस्था का घोर अपमान ही है, वहीँ पुलिस के एक्शन के बाद उत्तर प्रदेश सरकार में स्टांप मंत्री रविंद्र जायसवाल ने कहा कि आरोपी कोई भी हो,कहीं का भी हो, कहीं से आया हो, बीजेपी में शरण लिया हो, अगर दोषी है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सूचित किया कि इस बात का पता चलते ही पार्टी ने तीनों को निष्कासित कर दिया है। विदित हो कि गैंगरेप की ये वारदात 1 नवंबर को बीएचयू कैंपस में आधी रात को हुई थी। पीड़ित छात्रा ने अपने बयान में बताया था कि उसे अलग ले जाकर न केवल डराया धमकाया गया, बल्कि उसके कपड़े भी मनचलों ने उतरवा दिए और उसे किस भी किया। इतना ही नहीं आरोपियों ने उसका वीडियो भी बना लिया और ब्लैकमेल करने केलिए छात्रा का मोबाइल नंबर भी ले लिया। जैसा कि इस पूरी वारदात के दौरान IIT-BHU की छात्रा लगभग 10-15 मिनट तक मनचलों के बीच फंसी रही। इसके बाद पुलिस ने छात्रा की शिकायत पर लंका थाने में आईपीसी की धारा 354(ख), 506 और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। आईआईटी BHU में छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना में पुलिस ने सामूहिक दुष्कर्म (IPC 376-D) और इलेक्ट्रॉनिक साधनों के जरिए यौन उत्पीड़न (IPC 509) करने से संबंधित धाराएं बढ़ा दी थी.