बहुचर्चित और वीभत्स निठारी कांड के गुनहगारों सुरेंद्र कोली और मोहिंदर सिंह पंढेर को इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत मिली है। न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने सोमवार को दोनों के फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। सीबीआई की विशेष अदालत ने इन दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ हाई कोर्ट गए कोली-पंढेर को राहत मिली है। इस दया याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने यह फैसला दिया है। इससे पहले की तारीख पर लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया गया था, जिसे अब सुनाया गया है।
दर्जनों लड़कियों की ह’त्या-रे’प
कोली पर दर्जनों लड़कियों की निर्मम ह’त्या और रे’प के आरोप के एक दर्जन से अधिक मामलों में फांसी की सजा सुनाई गई थी। पंढेर को भी तीन मामलों में फांसी की सजा मिली थी। नोएडा स्थित पंढेर की कोठी में निठारी गांव की लड़कियों को लाकर ह’त्या की गई थी। 2005 से 2006 के बीच हुए इस कांड ने मानवता को शर्मसार कर दिया था। नोएडा के सेक्टर 30 स्थित ग्राम निठारी में कोठी नंबर डी 5 में रहने वाले उद्योगपति मोहिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को महिलाओं और मासूम बच्चियों के साथ रे’प के बाद उनकी हत्या कर श’व के टुकड़े-टुकड़े करके नाले में फेंक देने के आरोप लगे थे। बताया गया कि कई को कोठी में ही दफन कर दिया गया था।
CBI ने की थी जांच
इस पूरे मामले की जांच सीबीआई ने की थी। बाद में सीबीआई अदालत ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई। कोली और पंढेर दोनों 2006 से गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं।