अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में अब केवल एक दिन बचा है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर दर्शन के लिए खुल जाएगा। इस समारोह में करीब 8 हजार आमंत्रित मेहमानों के पहुंचने का अनुमान है। इसमें से कई वीवीआईपी गेस्ट भी हैं।
8 हजार गेस्ट के अलावा अन्य श्रद्धालुओं की भीड़ भी समारोह में शामिल होने के लिए मंदिर के आसपास रहेगी। ऐसे में यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शनिवार रात से ही अयोध्या पूरी तरह से छावनी में बदल गई है।
अयोध्या में पुलिस और एटीएस का कड़ा पहरा
शहर के एंट्री पॉइंट से लेकर राम मंदिर तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस और एटीएस के कमांडो तैनात रहेंगे। अयोध्या में फिलहाल ब्लैककैट कमांडो, बख्तरबंद गाड़ियां और ड्रोन आपको खूब नजर आएंगे। एनडीआरएफ की एक टीम को सरयू नदी के पास तैनात किया गया है।
रेड और येलो जोन में बंटा अयोध्या
यूपी पुलिस ने अयोध्या को रेड और येलो जोन में बांटा है। रेड जोन में राम मंदिर परिसर और उसके आसपास का क्षेत्र शामिल है। येलो जोन में बाकी शहर शामिल है। रेड जोन में पीएसी की 3 बटालियन तैनात है, जबकि येलो जोन में 7 बटालियन तैनात है।
निजी सुरक्षा एजेंसी भी रखेगी नजर
पुलिस के अलावा अयोध्या में 22 जनवरी को सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने के लिए प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी की भी मदद ली जा रही है। अयोध्या में निजी सुरक्षा एजेंसी SIS मोर्चा संभाल चुकी है। कंपनी के डायरेक्टर ऋतुराज सिन्हा का कहना है कि हम अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखने के लिए एआई (AI) तकनीक की भी मदद ले रहे हैं।
एआई से संदिग्धों की पहचान
कंपनी के डायरेक्टर ने बताया कि, अगर कोई हिस्ट्रीशीटर मंदिर परिसर के आसपास आएगा तो कुछ ही सेकेंड में एआई टेक्निक के जरिये कैमरे से उसकी पहचान हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए हमने पहले यूपी पुलिस ने अपराधियों का एक डेटाबेस लिया था। इसे डेटाबेस को हमने एआई टेक्नोलॉजी से जोड़ दिया। इसके बाद अब अगर इन डेटा में मौजूद कोई भी अपराधी दिखेगा तो कैमरा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से उसकी पहचान करके कंट्रोल रूम में मैसेज भेजेगा।
सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अयोध्या पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक कड़ा करने के निर्देश दिए।