उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में एसटीएफ की टीम ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है। अब नकल माफिया गिरोह का एक और आरोपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया है। अधिकारियों का कहना है कि शुभम मंडल ने वेयरहाउस में ट्रंक बॉक्स से पेपर निकाल कर नकल माफियाओं को मुहैया कराया था। सिपाही परीक्षा पेपर लीक प्रकरण का मुख्य आरोपी शुभम मंडल को बताया जा रहा है।
बिहार निवासी डॉक्टर शुभम मंडल से पिछले 48 घंटे से पूछताछ की जा रही थी। आरोपी ने बताया कि वह पांच और आठ फरवरी को पटना से फ्लाइट लेकर अहमदाबाद पहुंचा था और इसके बाद टीसीआई कंपनी के दो कर्मचारियों की मदद से कंपनी के वेयरहाउस में पहुंचा था। यहां आरोपी ने पेचकस और प्लारा की मदद से सील बंद बक्सों को खोलकर उसमें से पेपर निकाला और इन्हें मोबाइल की मदद से स्कैन कर लिया था। इस काम के लिए रवि अत्री और राजीव नयन मिश्रा से बीस लाख रुपये में डील की थी।
शुभम मंडल को पेपर बॉक्स खोलने के लिए बिहार से बुलाया गया था। शुभम मंडल से संपर्क करने वाले राजीव नयन मिश्रा और रवि अन्नी थे। परीक्षा केंद्रों पर पेपर को ट्रांसपोर्ट करने वाली कंपनी अहमदाबाद की थी। पेपर लीक करने वाली गैंग में शिवम मंडल को अभिषेक, रवि अत्री और राजीव नयन शामिल थे। अहमदाबाद पहुंचने के बाद शिवम मंडल का संपर्क अभिषेक, रवि अत्री और राजीव नयन से हुआ।
गौरतलब कि प्रदेश के 75 जिलों में 17 और 18 फरवरी को यूपी पुलिस की भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी। 60 हजार पदों के लिए परीक्षा में 48 लाख से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे। सिपाही भर्ती परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों ने पेपर लीक का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया। कई दिनों तक परीक्षा रद्द करने की मांग के लिए अभ्यर्थी आंदोलन पर डटे । सरकार की तरफ से परीक्षा रद्द किए जाने की घाषणा पर अभ्यर्थियों ने आंदोलन समाप्त किया।