गुरुवार रात वाराणसी जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद के संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किए गए सर्वेक्षण की रिपोर्ट पक्षकारों को सौंप दी। रिपोर्ट के अनुसार, ज्ञानवापी में मस्जिद की वर्तमान संरचना के निर्माण से पहले एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु:
- रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद की वर्तमान संरचना के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर था।
- रिपोर्ट में मंदिर के अवशेषों का उल्लेख है, जैसे कि स्तंभ, शिलालेख, और मूर्तियां।
- रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मस्जिद की दीवारों में हिंदू मंदिर के अवशेषों का उपयोग किया गया था।
हिंदू पक्ष ने क्या कहा
रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद, हिंदू पक्ष ने दावा किया कि यह रिपोर्ट उनके दावों को सही साबित करती है। उन्होंने कहा कि अब हिंदुओं को ज्ञानवापी परिसर में पूजा-पाठ करने की अनुमति मिलनी चाहिए।
मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा
मुस्लिम पक्ष ने एएसआई रिपोर्ट को चुनौती दी है और कानूनी लड़ाई को आगे बढ़ाने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि रिपोर्ट में कई त्रुटियां हैं और यह उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करती है।
अब आगे क्या
यह रिपोर्ट विवाद को और जटिल बना सकती है। दोनों पक्ष अपने-अपने दावों को लेकर अदालत में बहस करेंगे। अदालत रिपोर्ट का अध्ययन करेगी और उसके आधार पर अपना फैसला सुनाएगी।
क्या है विवाद
यह विवाद ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण के पीछे की कहानी को लेकर है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद एक प्राचीन हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि मस्जिद सदियों से मौजूद है।
यह रिपोर्ट विवाद को सुलझाने में मददगार हो सकती है, लेकिन यह भी संभव है कि यह विवाद को और गहरा कर दे।