उत्तर प्रदेश विधानसभा में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पांडवों ने कौरवों से सिर्फ पांच गांवों की मांग की थी…पर वो नहीं दिया गया। हमारा देश या हमारा समाज तो सिर्फ तीन स्थानों (अयोध्या, मथुरा और काशी) की मांग कर रहा था, उसके लिए उसे गिड़गिड़ाना पड़ा। सीएम योगी ने कहा कि 22 जनवरी को पूरी दुनिया के लिए अद्भुत क्षण था। हमें खुशी है कि जो कहा था वो करके भी दिखाया। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के साथ-साथ काशी और मथुरा विवाद को लेकर भी महत्वपूर्ण टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने दुर्योधन से पांच गांव मांगे थे, उसी तरह यहां सिर्फ तीन स्थलों की बात की गई थी। तीनों ईश्वर के अवतरण की धरती हैं, लेकिन एक जिद थी और उसमें राजनीतिक तड़के और वोट बैंक की प्रवृत्ति ने विवाद खड़ा कर दिया।”
सीएम योगी ने कहा, “तब भी दुर्योधन ने कहा था कि सुई की नोक के बराबर जगह नहीं दूंगा…तो महाभारत युद्ध तो होना ही होना था। यहां भी वोट बैंक के लिए हमारी संस्कृति और आस्था को रौंदने वाले आक्रांताओं का महिमामंडन किया गया, जिसे अब देश स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, “पिछली सरकारों ने अयोध्यानगरी को प्रतिबंधों और कर्फ्यू के दायरे में रखा। अयोध्या सुनियोजित तिरस्कार भी झेलती रही है। लोकआस्था के साथ ऐसा खिलवाड़ कभी देखने को नहीं मिला।” अतीत की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या के साथ अन्याय हुआ, 5000 साल पुरानी बात को याद करें तो कृष्ण ने केवल पांच ग्राम मांगे थे। उन्होंने कहा था कि दे दो केवल पांच ग्राम, रखो अपनी धरती तमाम।दिनकर की अमर कविता, ‘कृष्ण की चेतावनी’ के कुछ छंदों को दोहराते हुए योगी ने कहा, “दुर्योधन ने श्रीकृष्ण को बंधक बनाने की कोशिश की…,’उलटे हरि को बांधने चला, जो था असाध्य उसे साधने चला’…यही तो हुआ था अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ। ये तीनों विशिष्ट स्थल हैं, पहली बार देखने को मिला कि लोक आस्था के लिए भी गिड़गिड़ाना पड़ा। अब जब लोगों ने अयोध्या का उत्सव देखा तो नंदी बाबा ने कहा-कि हम क्यों इंतजार करें, उन्होंने रात्रि में बैरिकेड तुड़वा डाले। हमारे कृष्ण कन्हैया कहां मानने वाले हैं।” CM योगी ने कहा, “विदेशी आक्रांताओं ने केवल धन दौलत ही नहीं लूटा, इस देश की आस्था को रौंदने का काम किया। आजादी के बाद विपक्षी दलों ने उन्हें केवल वोट बैंक के लिए महिमामंडित करने का कुत्सित प्रयास किया, अब ये देश इसे स्वीकार नहीं करेगा।सीएम योगी ने पूर्व की सरकारों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये काम पहले ही हो जाना चाहिए था। हम मानते हैं कि मंदिर का विवाद न्यायालय में था, लेकिन वहां की सड़कों को चौड़ा किया जा सकता था। घाटों का पुनरुद्धार हो सकता था। बिजली की व्यवस्था, स्वच्छता और स्वास्थ्य की व्यवस्था की जा सकती थी। एयरपोर्ट का कार्य किया जा सकता था।योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों को लेकर सवालीआ लहजे में कहा कि विकास के इन कार्यों को किस मंशा के साथ रोका गया था! काशी, मथुरा का विकास अवरुद्ध करने के पीछे कौन सी मंशा थी! उन सरकारों पर कुठाराघात करते हुए CM ने कहा,”विवाद एक स्थल विशेष का था, मगर वहां के लोगों को, वहां आने वालों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित क्यों किया गया, ये मुद्दा नीयत का है!