Valmikinagar Vidhansabha Election 2025: पश्चिम चंपारण जिले की वाल्मीकिनगर विधानसभा सीट (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 01) बिहार की राजनीति में लगातार चर्चा का विषय बनी रहती है। 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई इस सीट पर अब तक तीन विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और हर बार अलग-अलग समीकरण देखने को मिले हैं। यहां 2010 से 2020 तक का चुनावी सफर कई उतार-चढ़ाव से गुजरा है, जिसने इस सीट को राज्य के सियासी नक्शे पर और भी अहम बना दिया है।
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2010 में जब पहली बार यहां चुनाव हुआ तो जदयू प्रत्याशी राजेश सिंह ने राजद के मुकेश कुमार कुशवाहा को 14,671 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। 2015 में समीकरण पूरी तरह बदले और निर्दलीय उम्मीदवार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने कांग्रेस के इरशाद हुसैन को करारी शिकस्त दी। धीरेंद्र प्रताप सिंह को जहां 66,860 वोट मिले, वहीं इरशाद हुसैन 33,280 वोटों पर सिमट गए। इस चुनाव में लगभग 62 फीसदी मतदान हुआ और कुल 13 प्रत्याशी मैदान में थे।
2020 में तस्वीर एक बार फिर बदली। जदयू उम्मीदवार धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकु सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी राजेश सिंह को 21,585 वोटों से हराया। हालांकि इस बार मतदान प्रतिशत चौंकाने वाला रहा और महज 38.32 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले। यह 2015 के 62 फीसदी मतदान से कहीं कम था, जो स्थानीय राजनीति में घटती भागीदारी की ओर संकेत करता है।
वाल्मीकिनगर विधानसभा की सबसे बड़ी विशेषता इसके जातिगत और सामाजिक समीकरण हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, इस क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के मतदाता लगभग 62,824 (करीब 18.93%) हैं, जबकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 32,192 (करीब 9.7%) है। यहां की आबादी का लगभग पूरा हिस्सा ग्रामीण है, जो स्थानीय मुद्दों को चुनावी केंद्र बिंदु बनाता है।
माना जाता है कि यहां का चुनाव सिर्फ पार्टी की लोकप्रियता पर नहीं बल्कि जातिगत समीकरण, स्थानीय नेतृत्व और मतदाता उत्साह पर भी निर्भर करता है। 2010 और 2015 में जब मतदान प्रतिशत 59 से 62 फीसदी रहा, तब चुनावी मुकाबले ने तगड़ा माहौल बनाया। लेकिन 2020 में मतदान घटकर 38.32 फीसदी रहना इस बात की ओर इशारा करता है कि मतदाता या तो विकल्पों से निराश हैं या फिर चुनावी प्रक्रिया से दूरी बना रहे हैं।
2025 के चुनाव से पहले यह सवाल अहम है कि क्या वाल्मीकिनगर फिर से बड़ा मतदान प्रतिशत दर्ज कर पाएगा और यहां के मतदाता एक बार फिर चुनावी परिणामों को राज्य की राजनीति में निर्णायक बना देंगे।






















