Vaibhav Suryavanshi: विजय हजारे ट्रॉफी का मुकाबला अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ भले ही एकतरफा नजर आ रहा हो, लेकिन इस मैच ने भारतीय घरेलू क्रिकेट को एक नया सितारा दे दिया। वैभव सूर्यवंशी ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी की, उसने रिकॉर्ड बुक से लेकर सोशल मीडिया और गूगल ट्रेंड्स तक हलचल मचा दी। केवल 36 गेंदों में शतक ठोककर वैभव ने यह साफ कर दिया कि भारतीय क्रिकेट की अगली पीढ़ी अब किसी भी मंच पर खुद को साबित करने के लिए तैयार है।
लिस्ट ए क्रिकेट में भारत की ओर से यह दूसरा सबसे तेज शतक है। इससे पहले यह कारनामा अनमोलप्रीत सिंह ने किया था, जिन्होंने 35 गेंदों में शतक जमाया था। वैभव सूर्यवंशी अब महज एक गेंद पीछे रहकर उस ऐतिहासिक रिकॉर्ड के बेहद करीब पहुंच गए हैं। उनकी यह पारी सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि भारतीय बल्लेबाजी के बदलते मिजाज का संकेत भी है, जहां आक्रामकता और निरंतरता साथ-साथ नजर आती है।
अगर वैश्विक स्तर पर देखें तो लिस्ट ए क्रिकेट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के जेक फ्रेजर-मैकगर्क के नाम है, जिन्होंने सिर्फ 29 गेंदों में सेंचुरी पूरी की थी। दूसरे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स हैं, जिन्होंने 31 गेंदों में यह कारनामा किया। इसके बाद तीसरे नंबर पर अनमोलप्रीत सिंह का नाम दर्ज है, जबकि कोरी एंडरसन भी 36 गेंदों में शतक लगाकर इस खास क्लब का हिस्सा रह चुके हैं। अब उसी सूची में वैभव सूर्यवंशी का नाम भी जुड़ गया है, जिसने भारतीय क्रिकेट प्रेमियों का उत्साह दोगुना कर दिया है।
वैभव ने अपना शतक महज 12वें ओवर में पूरा कर लिया था, जो घरेलू क्रिकेट में बेहद दुर्लभ और खास माना जाता है। खबर लिखे जाने तक वह 61 गेंदों पर 156 रन बनाकर नाबाद हैं। उनकी इस विस्फोटक पारी में 14 चौके और 13 लंबे छक्के शामिल थे, जो यह साबित करते हैं कि यह सिर्फ तेज रन बनाने की कोशिश नहीं, बल्कि पूरी तरह नियंत्रित आक्रामक बल्लेबाजी थी।
इस पारी के बाद वैभव सूर्यवंशी का नाम न सिर्फ विजय हजारे ट्रॉफी के इस सीजन की सबसे बड़ी खबर बन गया है, बल्कि यह चर्चा भी तेज हो गई है कि आने वाले समय में वह भारतीय टीम के लिए एक मजबूत दावेदार बन सकते हैं। घरेलू क्रिकेट में इस तरह के प्रदर्शन अक्सर अंतरराष्ट्रीय दरवाजे खोलते हैं, और वैभव की यह पारी उसी दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।





















