नासिक : महाराष्ट्र के नासिक में एक अवैध धार्मिक संरचना, सतपूर बाबा दरगाह, को हटाने के दौरान मंगलवार देर रात हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए और तीन पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचा। नासिक नगर निगम (एनएमसी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद बुधवार सुबह इस दरगाह को ध्वस्त कर दिया। हाईकोर्ट ने इस संरचना को अवैध घोषित करते हुए इसे हटाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद एनएमसी ने 3 अप्रैल को दरगाह प्रबंधन को 15 दिनों का नोटिस जारी किया था। नोटिस में अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी गई थी, अन्यथा पुलिस बल के साथ कार्रवाई की बात कही गई थी।
हालांकि, मंगलवार रात को दरगाह हटाने का विरोध करने वाली भीड़ ने पुलिस और शांति बनाए रखने पहुंचे मुस्लिम नेताओं पर पथराव शुरू कर दिया। नासिक के पुलिस आयुक्त संदीप कार्णिक ने बताया, “हाईकोर्ट के आदेशानुसार दरगाह को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। लेकिन भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया और पथराव शुरू कर दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा। इस हमले में 21 पुलिसकर्मी घायल हुए और तीन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।” पुलिस के मुताबिक, निवासियों और ट्रस्टियों ने पहले खुद दरगाह को हटाने का फैसला किया था और इसके लिए मंगलवार रात एकत्र हुए थे, लेकिन तभी भीड़ ने हिंसा भड़का दी।
हिंसा में शामिल 15 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एनएमसी ने बुधवार सुबह करीब 6 बजे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच दरगाह को पूरी तरह ढहा दिया। यह कार्रवाई नासिक के काठे गली इलाके में हुई, जहां पहले भी 2019 में अवैध धार्मिक संरचनाओं की सूची तैयार की गई थी। वर्तमान में स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन क्षेत्र में तनाव बरकरार है। इस घटना ने एक बार फिर अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने के मुद्दे पर चर्चा को तेज कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में कई अन्य अतिक्रमण मौजूद हैं, लेकिन धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है। दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि कोर्ट के आदेशों का पालन करना उनकी जिम्मेदारी है।