बिस्कोमान (Biscoman) के नए चेयरमैन पद को लेकर चल रही सियासी खींचतान पर अब विराम लग गया है। रांची हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस मामले में अहम सुनवाई करते हुए चुनाव की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही चुनाव परिणाम के ऐलान पर लगी रोक भी हटा दी गई है। इस फैसले के बाद विशाल सिंह के चेयरमैन बनने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है।
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हाईकोर्ट के इस फैसले से राजद नेता और विधान परिषद सदस्य (MLC) डॉ. सुनील सिंह को बड़ा झटका लगा है। सुनील सिंह बिस्कोमान के निवर्तमान अध्यक्ष थे और इस बार उनकी पत्नी वंदना सिंह ने चेयरमैन पद के लिए चुनाव लड़ा था।
शांतिपूर्ण मतदान, लेकिन विवाद की छाया
बिस्कोमान के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए पिछले महीने पटना स्थित कलेक्ट्रेट भवन में मतदान हुआ था। कुल 20 सदस्यों ने वोट डाले, जिनमें 17 निर्वाचित और 3 मनोनीत सदस्य शामिल थे। अध्यक्ष पद के लिए वंदना सिंह और विशाल सिंह आमने-सामने थे, जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए महेश राय और विनय कुमार के बीच मुकाबला था।
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हालांकि मतदान के बाद मतगणना पर रोक लगा दी गई थी, जब रांची हाईकोर्ट में चुनाव प्रक्रिया को लेकर याचिका दायर की गई थी। सुनील सिंह की ओर से दायर याचिका में चुनाव प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाए गए थे, जिसके चलते कोर्ट ने मतगणना पर तत्काल रोक लगा दी थी।
अब तस्वीर साफ
हाईकोर्ट द्वारा याचिका खारिज किए जाने और रोक हटाए जाने के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि विशाल सिंह ही बिस्कोमान के नए चेयरमैन होंगे। जल्द ही उनके पदभार ग्रहण की औपचारिक प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है।
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राजनीतिक गलियारों में इस फैसले को आरजेडी के एक प्रभावशाली नेता को तगड़ा झटका माना जा रहा है। खासकर इसलिए क्योंकि डॉ. सुनील सिंह लंबे समय से बिस्कोमान की राजनीति में सक्रिय रहे हैं और इस बार उनकी पत्नी को समर्थन दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।