हाल ही में किए गए शोध में यह खुलासा हुआ है कि विटामिन D3 टाइप-2 डायबिटीज की रोकथाम और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, विटामिन D3 इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने, सूजन को कम करने और ग्लूकोज चयापचय को सुधारने में मदद कर सकता है, जिससे डायबिटीज के जोखिम को कम किया जा सकता है।
डॉ दिवाकर तेजस्वी ने इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि विटामिन D3, अग्न्याशय (Pancreas) की बीटा कोशिकाओं के कार्य को बेहतर बनाकर इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है, शरीर की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रति अधिक संवेदनशील बनाकर यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
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उन्होंने बताया की डायबिटीज में सूजन inflammation एक महत्वपूर्ण कारक होती है, जिसे विटामिन D3 के पर्याप्त स्तर बनाए रखने से नियंत्रित किया जा सकता है, विटामिन D3, ग्लूकोज और लिपिड मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करने में सहायक होता है, जिससे डायबिटीज के दुष्प्रभाव कम किए जा सकते हैं।
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डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि टाइप-2 डायबिटीज से बचाव और बेहतर प्रबंधन के लिए विटामिन D3 का पर्याप्त स्तर बनाए रखना आवश्यक है। नियमित रूप से धूप में रहने, संतुलित आहार लेने और डॉक्टर की सलाह पर विटामिन D3 सप्लीमेंट्स का सेवन करने से डायबिटीज से बचाव संभव है। विटामिन D3 की नियमित निगरानी और पर्याप्त सेवन से डायबिटीज का प्रबंधन बेहतर हो सकता है।