आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण अभियान शनिवार से शुरू हो गया है। राज्य के सभी 38 जिलों में प्रखंड मुख्यालयों और शहरी निकाय कार्यालयों में विशेष शिविर लगाए गए हैं, जो प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संचालित होंगे। इन शिविरों में मतदाता सूची से जुड़ी सभी शिकायतें, संशोधन और नए नामांकन के आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं।
निर्वाचन आयोग के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 3,223 नए मतदाताओं ने नाम दर्ज कराने के लिए आवेदन किया है। इनमें अधिकांश युवा शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में 18 वर्ष की आयु पूरी की है। यह आंकड़ा युवा मतदाता अभियान की सफलता को दर्शाता है।
तेजस्वी यादव झूठ नहीं बोल रहे हैं.. कांग्रेस और राजद नेताओं ने चुनाव आयोग पर साधा निशाना
चौंकाने वाली बात यह रही कि इस अवधि में किसी भी राजनीतिक दल ने अभी तक कोई दावा या आपत्ति दर्ज नहीं की है। वहीं, आयोग ने बताया कि सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के 90,712 मतदान केंद्रों पर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट का प्रकाशन किया जा चुका है। राज्य की 12 मान्यता प्राप्त पार्टियों के करीब 1.60 लाख बूथ लेवल एजेंट (BLA) इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं। हटाए गए नामों की सूचियाँ संबंधित दलों को सत्यापन के लिए भेज दी गई हैं।
नाम चेक करने और सुधार का आसान तरीका:
- मतदाता अपना नाम और विवरण निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर EPIC नंबर से चेक कर सकते हैं।
- यदि नाम सूची में नहीं है, या किसी प्रकार की त्रुटि है, तो 1 सितंबर 2025 तक दावा या आपत्ति दर्ज की जा सकती है।
- मतदाता बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को नवीनतम फोटो और जानकारी देकर भी फॉर्म जमा कर सकते हैं।
- इस अभियान के तहत नए वोटर आईडी कार्ड भी वितरित किए जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान शुरू किया है, जिसमें टीवी, अखबार और सोशल मीडिया का उपयोग किया जा रहा है ताकि कोई भी पात्र नागरिक इस प्रक्रिया से वंचित न रह जाए। यह विशेष पुनरीक्षण अभियान बिहार के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यदि आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है या उसमें कोई गलती है, तो समय रहते सुधार करवाएं। नजदीकी शिविर में जाएं, फॉर्म भरें और अपने मताधिकार को सुनिश्चित करें—क्योंकि हर वोट मायने रखता है।