सोशल मीडिया की दुनिया में तहलका मचाने वाले मशहूर से कुख्यात बने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया और कई बड़े इन्फ्लुएंसर्स अचानक विवादों के घेरे में आ गए हैं। असम और मुंबई में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के बाद अब राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) और राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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“इंडियाज गॉट लेटेंट” का एपिसोड बना विवाद की जड़
जानकारी के मुताबिक, रणवीर ने ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के हालिया एपिसोड में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और माता-पिता के निजी संबंधों पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना का तूफान खड़ा हो गया। विरोध की आग इतनी भड़की कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर घोषणा की है कि “रणवीर इलाहाबादिया, आशीष चंचलानी, अपूर्वा मखीजा समेत कई इन्फ्लुएंसर्स के खिलाफ अश्लीलता फैलाने का केस दर्ज किया गया है। युवाओं को गलत संदेश देने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
मुंबई की कोर्ट पहुंचा सामाजिक कार्यकर्ता
मुंबई के सामाजिक कार्यकर्ता निखिल रूपारेल ने बांद्रा मजिस्ट्रेट कोर्ट में यूट्यूबर रणवीर, कॉमेडियन समय रैना और ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के आयोजकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उनके वकील अली काशिफ खान देशमुख ने बताया, “ये लोग सार्वजनिक मंच का दुरुपयोग कर समाज में अनैतिकता को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारी याचिका में IPC की धारा 294 (अश्लीलता) और IT एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की गई है।”
एनएचआरसी और एनसीडब्ल्यू ने उठाए कदम
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने रणवीर के बयानों को गंभीरता से लेते हुए यूट्यूब प्रबंधन को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से ऑनलाइन कंटेंट पर सख्त दिशा-निर्देश जारी करने का आग्रह किया है। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्षा रेखा शर्मा ने कहा, “डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर महिलाओं के प्रति अश्लील टिप्पणियों को रोकने के लिए तत्काल नीति बनाने की जरूरत है।”
भाजपा नेता ने भी दबाव बनाया
उत्तर भारतीय मोर्चा (UBM) के भाजपा उपाध्यक्ष नीलोत्पल मृणाल ने मुंबई के खार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा, “रणवीर जैसे लोग संस्कृति को कलंकित कर रहे हैं। इन्हें सबक सिखाने की जरूरत है।”